
जब किसी के पास सब कुछ होता है,
तब दुनिया उसे अच्छी तरह पहचानती है,
जब किसी के पास कुछ नहीं रह जाता है,
तब वह भी पहचान लेता है साथ कौन है।
पर शायद आज ज़माना बदल गया है,
जिसके पास बहुत कुछ है, उसे भी
आजकल लोग कहाँ पहचानते हैं,
बल्कि उससे तो बस जलते रहते हैं।
वैसे तो दुनिया यही कहती है कि
पैसा तो बस हाथों का मैल होता है,
लेकिन इस युग में तो बिना पैसे के
संसार में पत्ता भी नहीं हिलता है ।
इसीलिये कहा जाता है कि जीवन में
ख़ुश रहना है तो कुछ बातें याद रखिए,
पैसा खर्च करना है तो कमाना सीखिये,
हारने से पहले कोशिश करना सीखिये।
बोलने से पहले सुनना सीखिये,
लिखने से पहले समझना सीखिए,
रिश्ता बनाना है तो निभाना सीखिए,
मृत्यु के पहले खुलकर जीना सीखिए।
सपने साकार करने के लिये इतनी
हिम्मत तो करनी पड़ती है जितनी कि
भय से छुटकारा पाने में की जाती है,
तब चमत्कार की शुरुआत हो जाती है।
कोशिश करने से पहले हार मानना
दूसरे की विजय निश्चित करता है,
आदित्य जीत लिये पूरी ताक़त से,
संघर्ष कर जीत में बदलना पड़ता है।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ
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