
रिसिया का पान चर्दा का धान नवाबगंज का आम एक पूरानी कहावत है
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । मौसम का मिजाज अच्छा होने से इस बार दशहरी आम की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है वहीं दशहरी आम की पैदावार में मलिहाबाद के बाद नवाबगंज का क्षेत्र दूसरे स्थान पर है,वहीं इस बार क्षेत्र में दशहरी आम की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। इस बार मौसम का मिजाज अभी तक ठीक है और लाचा रोग से बौर सुरक्षित है जिससे आम के बाग बानो को काफी अच्छी पैदावार की उम्मीद है। आम के बाग़बान सलीम अहमद, रईस अहमद, शराफत आदि का कहना है कि पिछले साल कीटनाशकों के छिड़काव के बाद भी आम की कम पैदावार से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
वहीं इस बार नवाबगंज का खास आम दुर्लभ प्रजाति का गुलाब खास आम के पेड़ों में भी बहुत बौर देखने को मिल रहा है। पिछले साल अन्य आमों के साथ गुलाब खास की कम पैदावार हुई थी और यह आम, आम लोगों की पहुंच से दूर रहा था। इस बार नवाबगंज क्षेत्र के बसाऊ गांव सहित तीन स्थानों पर इस दुर्लभ प्रजाति के गुलाब खास आम के बाग हैं । जिसमें काफी बौर आये हुये हैं। वहीं इस प्रजाति के गुलाब का शाम का इतिहास भी काफी पुराना है
बताया जाता है कि फलों के बागों के शौकीन नवाब मोहम्मद अली और उनके नवासे नवाब नवाजिश अली ने सन 19 06 के आसपास नवाबगंज की स्थापना के बाद अफगानिस्तान के गजनी शहर से इस दुर्लभ प्रजाति के आम की कलम को मंगवा कर यहां पर बाग लगवायें ।और एक समय था कि अंग्रेजों के वफादार नवाबों के समय में इस दुर्लभ प्रजाति के गुलाब खास आम को अंग्रेज अफसरों को ही तोहफे में दिया जाता था आम आदमी की पहुंच इस आम से काफी दूर थी ।लेकिन हिंदुस्तान की आजादी के बाद हिंदुस्तान पाकिस्तान के बंटवारे के बाद नवाब नवाजिश अली अपनी सारी संपत्तियां को छोड़कर पाकिस्तान के लाहौर चले गये क्योंकि उनका पैतृक स्थान और हवेली लाहौर मे थी।भारत सरकार ने इनकी सम्पत्ति को अपने कब्जे में लेकर इस बाग को जो नवाब मोहम्मद अली व नवाब निवाजिश अली ने लगवाए थे लगभग 300 बीघा क्षेत्र की इस बाग को रेहुआ की रानी शकुंतला देवी ने खरीदा और उनसे यह बाग जिला श्रावस्ती के जमुनहा के राजा भगवान सिंह ने खरीदी जो आज उन्हीं के वंशजों के पास यह बाग है। इस बाग से जहां हर साल क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की आय होती है। वही इस बाग मे गुलाब खास आम के अतिरिक्त अन्य प्रजाति के आम भी काफी मशहूर हैं जैसे कच्चा मीठा ,बुलंद खरबूजा, जैनसैन, फकीरा, फजली ,बम्बई, कलकत्ता बम्बई, बरायडार रिसिया, लेगंड़ा,आदि जैसे दुर्लभ प्रजाति के आम पायें जाते हैं।
More Stories
आलेख
डीएम ने उर्वरक वितरण में पारदर्शिता और नियंत्रण हेतु दिए निर्देश
पहले फर्जी तरीके से बेची जमीन फिर खरीदार को देने लगा धमकी