आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
12 बाल शर्मिकों ने उस समय राहत की सांस लिया जब विभिन्न प्रतिष्ठानों पर बंधुआ मजदूर बनाकर उनसे कार्य कराया जारहा था। किन्तु जब श्रम विभाग के अधिकारियों ने उनको आजाद कराया तब उन बच्चों ने राहत की सांस लिया।
जानकारी के अनुसार 24 फरवरी को निदेशक, मुख्यालय महिला एंव बाल सुरक्षा संगठन, उ0प्र0 लखनऊ के निर्देशन में बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम एवं बन्धुआ मजदूर से लोगों को मुक्त कराने के अभियान के अन्तर्गत, पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ के कुशल निर्देशन में एवं नोडल अधिकारी एएचटीयू अपर पुलिस अधीक्षक यातायात आजमगढ़ के पर्यवेक्षण में थाना एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकंग यूनिट व श्रम विभाग की संयुक्त टीम द्वारा जनपद आजमगढ़ के थाना क्षेत्र सिधारी तथा थाना क्षेत्र मुबारकपुर के सठियावं कस्बा के विभिन्न प्रतिष्ठानों, मिठाई की दुकानों, ढ़ाबों, ऑटो मोबाइल की दुकानों, गैराजों पर छापा मारा गया। उक्त अभियान में कुल 12 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया। मौके पर मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों को उनके परिजनों की सुपुर्दगी में दिया गया तथा हिदायत दी गयी कि बच्चों से भविष्य में बाल श्रम न कराये। सम्बन्धित प्रतिष्ठानों के सेवायोजकों के विरुद्ध अधिनियम का उल्लंघन करने के संबंध में श्रमविभाग द्वारा नियमानुसार नोटिस जारी की गई। संयुक्त टीम द्वारा दुकानदारों/जनता के लोगों को बालश्रम न कराने पर जोर दिया गया तथा सार्वजनिक स्थानों/मिठाई की दुकान, रेस्टोरेंट/ढ़ाबा, ब्रेकरी, आटो मोबाइल की दुकान, गैराज आदि स्थानों पर बालश्रम न कराने से सम्बन्धित पोस्टर चस्पा कर लोगों को जागरुक किया गया।
अभियान में उक्त बालश्रम उन्मूलन अभियान में देवेन्द्र सिंह, उप श्रमायुक्त, आजमगढ़ मय टीम, विशाल कुमार, उप श्रमायुक्त, अभयराज मिश्र, प्रभारी निरीक्षक थाना एएचटीयू आजमगढ़, उ0नि0 विजय नारायण पाण्डेय, थाना एएचटीयू, आ0 आशीष प्रताप सिंह, थाना एएचटीयू, म0आ0 सुप्रिया पाल, थाना एएचटीयू शामिल थे।
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