July 6, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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राष्ट्रपति से इलेक्टोरल बांड के रूप में प्राप्त धनराशि को राजकोष में जमा कराने की मांग

आजाद अधिकार सेना के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित पत्र एडीएम को सौंप कर राजनीतिक
पार्टियों को अनुचित तरीके से प्राप्त इलेक्टोरल बांड को राजकोष में जमा कराने की मांग की

भारतीय जनता पार्टी को अकेले मिले 8664 करोड़, कांग्रेस को 1306 करोड़ व अन्य राज्यों में सत्ताधारी दलों को इलेक्टोरल बांड के जरिये मिले धन

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।आजाद अधिकार सेना के पदाधिकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेजकर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्टोरल बाण्ड के नाम पर अनुचित ढंग से प्राप्त धनराशि को राजकोष में वापस किये जाने के लिये निर्देश निर्गत करने की मांग की है।
शनिवार को आजाद अधिकार सेना के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित पत्र एडीएम को सौंपा। अधिकार सेना के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश जायसवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने महत्वपूर्ण निणर्य में इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक घोषित किया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से इलेक्टोरल बांड के माध्यम से प्राप्त हुये समस्त योगदान स्वत: ही अत्यन्त संदिग्ध हो जाते है। अगर उनकी प्राप्ति में अनुचित और अवैधानिक विधाओं का प्रयोग किया जाना तथा सत्ता का दुरूपयोग स्पष्ट दिखता है। उन्होंने कहा कि एसबीआई द्वारा अब तक कुल 16518करोड़ रूपये के इलेक्टोरल बांड बेचे गये है। जिसमें 8664 करोड़ रूपये अकेले भाजपा को, 1306 करोड़ रूपये कांग्रेस को, इसी प्रकार विभिन्न राज्यों में सत्ताधारी दलों को प्राप्त हुआ है। राज्यों में जिन दलों को इलेक्टोरल बांड के सहयोग राशि प्राप्त हुई है, वे सभी उन राज्यों में सत्ताधारी पार्टियां थी। उपरोक्त तथ्य इलेक्टोरल बांड की प्राप्ति को अत्यन्त संदिग्ध बना देते है और यह सीधे-सीधे जनता के भ्रष्टाचार से जुड़ा दिख रहा है। उन्होंने मांग किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में अब तक इलेक्ट्रोरल बांड के माध्यम से प्राप्त हुये समस्त योगदान को अवैधानिक घोषित करते हुये समस्त संबंधित दलों को उक्त धनराशि भारत के राजकोष में तत्काल जमा किये जाने हेतु समुचित निर्देश निर्गत किये जाय।
इस दौरान हरी लाल वर्मा, आशुतोष पाण्डेय, हरी नरायन शर्मा, सुभाष चन्द्र, गणेश प्रसाद चौधरी सहित तमाम लोग मौजूद रहें।