केवट प्रसंग नृत्य नाटिका का मंचन देख दर्शन हुए भाव विभोर
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।दो दिवसीय भारत–नेपाल मैत्री महोत्सव के समापन के अवसर पर जवाहर लाल नेहरू स्मारक पी जी कालेज के प्रांगण में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया गया।
दूसरे दिन समारोह की शुरुआत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुई जिसमे दोनो देशों के लोक कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकारों ने भी नृत्य, पोस्टर सहित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
भारत–नेपाल के कलाकारों ने मंच से अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रमुख कार्यक्रमों में केवट प्रसंग नृत्य नाटिका का मंचन सुमिष्ठा मित्रा द्वारा किया गया। वनटांगिया जनजाति लोक नृत्य शो का प्रदर्शन गोरखपुर के सुगम सिंह और उनकी टीम ने कर वनटांगिया समुदाय की संस्कृति को जीवंत कर दिया। सुगम और इनकी टीम द्वारा सुगम सिंह शेखावत गोरखपुरी ने इण्डियन व नेपाली भेषभूषा में बोल भण्डारी तेरा डमरू बाजे तथा मैं भोली मेरा शिव बसे काशी लोकगीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया।
इसी प्रकार नेपाली जनजातीय लोक नृत्य के माध्यम से ओम प्रकाश राणा और उनकी टीम ने नेपाली संस्कृति की झांकी प्रस्तुत की। इनके अलावा डांस ऑफ यू0 पी0 (उ0प्र0 के लोक नृत्यों पर फ्यूजन नृत्य शो) की शानदार प्रस्तुति लवली घिडियाल और उनकी टीम ने बड़े भाग्य से पधारे श्रीराम नजर उतारे सखियां और सावन में आये फुहार अटरिया पर गाये मल्हार पर नृत्य किया गया।
स्थानीय लोक कलाकार कैलाश रसिया और उनके साथियों ने ऊर्जा से भरपूर लोक नृत्य फरुआही का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
इनके अतरिक्त अनीता थापा, स्नेहा उपाध्याय आदि कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोहा। कलाकारों ने बसन्त पंचमी के त्योहार होने के कारण होली खेले रघुवीरा गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। गुरूंग समाज से मालती लाम्बा, तान्या सहित अन्य कलाकारों द्वारा नेपाली समाज का प्रसिद्ध कोडा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसकी सबने सराहना की। संस्कृति एवं पर्यटन लखनऊ से आये कलाकार रूपा शर्मा, रंजना, व साथीयों द्वारा कान्हा रे थोड़ा सा प्यार दें दे पर नृत्य प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पी जी कालेज के प्रबन्धक डॉ बलराम भट्ट ने भारत नेपाल मैत्री संस्कृति सम्बन्ध को मजबूत करने के उद्देश्य से मैत्री महोत्सव का आयोजन पी.जी. कालेज के प्रांगण में सफल आयोजन होने पर प्राचार्य सहित सभी प्रोफेसर व छात्र छात्राओं के सहयोग एवं रंगमंच पर अपनी कालाओं से समा बांधने के लिए कलाकारों, संस्कृति व पर्यटन विभाग के अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को प्रति वर्ष करने की आवश्यकता है जिससे दोनो देशों की कलाओं और कलाकारों के माध्यम से संबंधों को और अधिक मधुर व प्रगाढ़ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि संस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा सामाजिक समावेश के साथ ब्यवसायिक और व रोटी–बेटी का सम्बन्ध भी मजबूत होता है। इस दौरान एसडीएम सदर रमेश कुमार, प्राचार्य अजय कुमार मिश्रा, शान्ति शरण मिश्र सहित पी जी कालेज के प्रवक्ता व आम जनता के साथ छात्र छात्राएं उपस्थित रही।जिसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त कलाकारों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
महोत्सव की कड़ी में भारत–नेपाल सीमा पर सोनौली व भैरहवां में दोनो देशों के कलाकारों व स्थानीय द्वारा रैली का आयोजन भी किया गया। जिसको दोनों देश द्वारा आयोजित मैत्री संस्कृति के समावेश के रूप में देखा गया।
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