July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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मुख्य पशु चिकित्सालय, 32 बेड अस्पताल सीएचसी बनकटा भुंडवार बीमार कैसे हो इलाज : है डाक्टर विहीन

भाटपार रानी/देवरिया
(राष्ट्र की परम्परा)

प्राप्त समाचार के मुताबिक देवरिया जिले के सुदूर क्षेत्र के पिछड़े ग्रामीण इलाकों में भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के उत्तर प्रदेश बिहार बॉर्डर सीमा पर इस्थित मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर बनकटा विकाश खण्ड के अंर्तगत स्थापित संसाधन विहीन सरकारी चिकित्सालय सफेद हाथी बने हुए अपने जनता एवं मरीज को निरंतर चिढ़ा रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार के दौरान देवरिया जिले के जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित बनकटा विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत बनकटा भुंडवार में विकासखंड क्षेत्र के पशुओं व जनता के इलाज के लिए पशु चिकित्सा केंद्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दोनों की स्थापना की गई हैं।तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार में स्थापित किए कराए गए इन दोनों ही अस्पताल को वर्तमान सत्ता के जन प्रति निधि लगातार दो बार से सांसद रविंदर कुशवाहा के द्वारत व वर्तमान विधायक भाजपा भाटपार रानी के द्वारा भी किए कराए जाने की खबर है। वहीं दूसरी प्रदेश की सत्ता सत्ता पर परिवर्तन होने का दुखद परिणाम यह है कि क्षेत्र के पशुओं को इलाज के लिए डाक्टर नहीं होने से एक तरफ बीमार पशु मर रहे हैं। वहीं जनता को इलाज देने को बनने वाले अस्पताल में मरीज देखने को सरकार/विभाग से डाक्टर एवं दवा तथा रोग जांच को पैथोलाजी सरकार से नहीं मिल पा रहा है। वहीं एक तरफ जहां करीब 2 वर्षों से इस बनकटा ब्लॉक के मुख्य पशु चिकित्सालय बनकटा भुंडवार को सोची समझी विभागीय साजिश के तहत चिकित्सक विहीन कर दिया गया है। तो दूसरी तरफ इस पशु चिकित्सालय के अधीन ही संचालित किए जाने वाले अन्य पशु चिकित्सालय पशु चिकित्सा उप केन्द्र परसिया छितनी सिंह व पशु चिकित्सा उप केन्द्र प्रतापपुर पर ताला लगा पड़ा है। इस संदर्भ में डाक्टर सुनील कुमार का कहना ही कि विगत एक वर्ष से हमारे पास भटनी में मूल तैनाती सहित, पड़री, एवं बनकटा का प्रभार है। हम बनकटा में एक रोज शुक्रवार को रहते हैं। अब्यवस्था के बाबत बताया हमारे ऊपर के अधिकारी के संज्ञान में है इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
जबकि यहीं बगल में ही क्षेत्र की जनता के इलाज को स्थापित किए गए 32 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल ल 6 डॉक्टर की तैनाती के सापेक्ष महज एक ही डॉक्टर की तैनाती की गई है और यहां तैनात उस एक डॉक्टर डॉक्टर पी के रंजन की ड्यूटी भी बगल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जबरिया तौर पर लगा कर वहां के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाक्टर भार्गव के द्वारा सप्ताह में दो रोज खुद अस्पताल से अनुपस्थित रहने की खबर सूत्रों से लगातार मिल रही हैं। भुंडवार को दिए गए डाक्टर के पीएचसी भेजे जाने से सप्ताह के दो से तीन रोज ही यहां तैनात एकमात्र डॉक्टर की ड्यूटी इतने बड़े 32 बीट बेड अस्पताल को मिल पाती है। जहां पर ना तो फार्मासिस्ट हैं, नाही इमरजेंसी इलाज है, नाही पैथोलॉजी है, नाही सरकार से यहां दवा की सुविधा है, और नाही महिलाओं के डिलीवरी के लिए ही कोई महिला चिकित्सक ही हैं जो यहां इस अस्पताल से देर सवेर इमरजेंसी इलाज प्रसूता एवं गर्भवती महिलाओं को दिया जा सके
इलाज के अभाव में आए दिन क्षेत्र के पशु एवं जनता यहां की मर रही है। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र की तीसरी बड़ी जो समस्या है बनकटा रेलवे स्टेशन पर करोना काल से पूर्व में होते रहे मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव को भी बहाल नहीं किया जाना जो करोना काल के बाद से भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव बंद कर दिया गया है। जिससे उच्च शिक्षा के लिए क्षेत्र के स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके छात्र-छात्राओं सहित क्षेत्र की जनता को ट्रेन के अभाव में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जो क्षेत्रीय जनता का घोर उपेक्षा ही नहीं वर्तमान सांसद विधायक द्वारा अनादर एवं अपमान भी है जनता का कहना है कि जब से लगातार दो बार से सत्ता पक्ष का सांसद चुना गया है व आजादी के बाद पहली बार भारतीय जनता पार्टी का भाटपार रानी में विधायक चुना गया है। जो किसी के द्वारा भी इस बनकटा ब्लाक के 32 वेड अस्पताल, व पशु चिकित्सालय पर डॉक्टर की तैनाती को लेकर कभी भी लोकसभा, विधानसभा, अथवा जिले पर कोई सकारात्मक पहल नहीं कर क्षेत्र की घोर उपेक्षा लगातार की गई है जो अब भी जारी है।