
लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)l प्रदेश की सबसे पुरानी तहसीलों में एक उतरौला तहसील भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षाओं से चलते अत्यंत पिछड़ेपन का दंश झेल रही है। यह क्षेत्र शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान से कोसों दूर है। नगर में स्थित एकमात्र राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का भवन उतरौला के पुरानी तहसील भवन में संचालित है। जो अभी तक राजस्व विभाग के नाम दर्ज है। करीब दो सौ साल पूर्व बना तहसील भवन अत्यंत जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो गया है। भवन का खपरैल प्रतिदिन टूट कर गिर रहा है। इस भवन विषैले जीव जंतु भी रहते हैं। कॉलेज में पढ़ने वाली बालिकाओं के साथ कभी भी अनहोनी हो सकती है। राजस्व विभाग से माध्यमिक शिक्षा विभाग को भवन व भूमि हस्तांतरण हेतु लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी कई बार आमरण अनशन कर चुके हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उनके द्वारा विगत वर्ष फरवरी में कर्मिक अनशन भी किया गया था। इस दौरान तत्कालीन उप जिलाधिकारी द्वारा भूमि और भवन हस्तांतरण की प्रक्रिया गतिमान होने का आश्वासन भी दिया गया था। तत्कालीन एसडीएम द्वारा अवगत कराया गया था कि, विकासखंड के ग्राम सरैया देवर में 2 एकड़ जमीन विद्यालय के खेल मैदान के लिए चिन्हित किया जा चुका है। लेकिन अभी तक मामला लंबित है जिस कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस संबंध में चौधरी द्वारा 5 जनवरी को एक ज्ञापन मंडल आयुक्त देवीपाटन मंडल को दिया गया था, जिस पर मंडल आयुक्त ने जिलाधिकारी बलरामपुर को निर्देशित किया था कि वह जांच करके राजस्व की भूमि और भवन शिक्षा विभाग को हस्तांतरण करने के लिए उचित कार्यवाही करें। भवन और भूमि हस्तांतरित ना होने के कारण नवनिर्माण हेतु आवंटित बजट माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा कई बार वापस भेजा जा चुका है। उपरोक्त बातें दर्शाते हुए लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर पुराने तहसील भवन और भूमि को राजस्व विभाग से माध्यमिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर, उस भूमि पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का नव निर्माण कराए जाने का मांग किया है।
More Stories
50% महिला भागीदारी से ही साकार होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना : विजया रहाटकर
सफ़ाई मित्रों पर लगा सख्ती से मैन्युअल स्केवेंजिंग पर रोक
मैन्युअल स्केवेंजिंग पर सख्ती से रोक