मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)
22 जनवरी को भगवान राम की मूर्ति की अयोध्या के ऐतिहासिक भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। भक्तो के कण-कण में बसे भगवान राम के बिना लगभग 500 वर्षों की प्रतिक्षा के बाद राम कृपा से ही राम की अयोध्या फिर राम के ही आशीर्वाद और भक्तो की श्रद्धा से राममय होने जा रही है। इस शुभ पर्व पर जैन समाज भी श्री राम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हो रहा है । जैन धर्म में भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को सिद्ध पुरुष माना है। शत्रुंजय गिरिराज जो सिद्धक्षेत्र है और जैनो के लिए पूरे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा पवित्र महातीर्थ है वो गिरिराज पर भी भगवान श्री राम की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। और हर साल लाखों जैन जो यहाँ यात्रा करने आते है वो प्रभु राम के दर्शन का लाभ लेते है। अयोध्या की पवित्र भूमि में बैठकर जैन धर्म के प्राचार्यों ने कई शास्त्र, सूत्र रचे हैं। अयोध्या नगरी का जैन धर्म के लिए भी विशेष स्थान है, यहाँ विभिन्न तीर्थंकरों के जीवन से सम्बंधित १८ कल्याणक घटित हुए हैं| अयोध्या नगरी को वर्तमान चौबीसी के पांच -पांच तीर्थंकर (आदिनाथ, अजितनाथ, अभिनंद नाथ, सुमतिनाथ एवं अनंतनाथ ) की जन्मस्थली होने का गौरव प्राप्त है| राम जन्म भूमि के लिए जैनो ने भी बलिदान दिया है जिसे याद करने से आज हम भाव विभोर हो जाते है, हमें गौरव है वो भीलवाड़ा के बलिदानी सुरेश जैन पे जो राम मंदिर आंदोलन के समय 12 मार्च 1991 को रैली के दौरान कार सेवकों को तितर बितर करने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गोली से शहीद हुए थे, इसी दौरान शाहपुरा ज़िले के ख़ामोर निवासी रतन लाल सेन भी उनके साथ शहीद हुए।
इतिहास ने जैनो के योगदान और बलिदान को सुवर्ण अक्षर से लिखा है और लिखेगा, राष्ट्र को गौरव है ऐसे जैन एडवोकेट पर जिसने राम मंदिर केस में फीस के तौर पर 1 भी रुपया नहीं लिया। वकील के पिता और बेटे की इस जोड़ी ने सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष को राम जन्मभूमि केस में जीत दिलाई, जिसके बाद मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया।पिता हरि शंकर जैन और बेटा विष्णु शंकर जैन राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद, काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद और कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह में हिंदू पक्ष की ओर से पैरोकार हैं। मुंबई जैन संघ संगठन जो मुंबई नगरी के 1150 संघ और करीब 15 लाख जैनो का प्रतिनिधित्व कर रहा है उसने ये पवित्र प्रसंग को लेकर 22 तारीख को प्रत्येक जैन को घर घर में दीप जलाने का, रंगोली सजाने का, दुकान,ऑफिस के द्वार पर तोरण लगाने का, भोजन में शगुन का प्रतीक लपसी ,मिठाइयों का आहार ग्रहण करने का मार्गदर्शन भी जारी किया है। जैन इस ऐतिहासिक प्रसंग की ख़ुशी सब को बाटेंगे। हमारे दिन, दुखी मानव को भी मिठे भोजन परोसेंगे, मुंबई जैन संघ संगठन के पदाधिकारी भी सीनियर सिटिज़न्स के साथ २२ तारीख को मुंबई में नरिमन पॉइंट से लेकर मरीन लाइंस तक श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की खुशिओ को ज़रुरतमंद को मिठाइओ का वितरण करेंगे । जैनो के आचार्य भगवंत साधु समुदाय भी संगठन के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी, राम मंदिर ट्रस्ट, विश्व हिन्दू परिषद, राष्ट्रीय सेवक संघ को आशीर्वाद भेज रहे है और प्रत्येक जैन सच्चे दिल से आप सभी धर्मयोद्धा का अभिवादन करते है।
More Stories
वेद ही संपूर्ण विज्ञान: प्रो. हरि नारायण तिवारी
हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का प्रशिक्षण व टीकाकरण 20 अप्रैल को
फरियादियों की समस्या का किया जाए समयबद्ध निस्तारण-डीडीओ