प्रभु श्री राम हमें मर्यादा में रहना सिखाते हैं – मनोज अवस्थी
मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)
मालाड पश्चिम के म्हाडा एकता नगर में कलश यात्रा के साथ संगीतमय श्री राम कथा में कथावाचक आचार्य मनोज अवस्थी ने व्यासपीठ से श्री राम विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा, प्रभु श्री राम हमें मर्यादा में रहना सिखाते हैं। महाराज ने आगे कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था, एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। 12 जनवरी से 20 जनवरी तक यह कथा चल रहा है। छत्रपति संभाजीराजे मैदान में चल रहे कथा की शुरुवात शाम 5 से 9 बजे तक चल रहा रह है ,जहां सैकड़ो की संख्या में भक्त मन्त्रमुगद्ध होकर कथा का रसपान कर रहें हैं।
इस कथा के मुख्य पोथी यजमान कलाकांत मिश्रा हैं। संचालन का कामकाज राजीव मिश्रा और अविनाश दिनेश पांडेय मीडिया प्रभारी का कार्य संभाल रहे हैं। इसके अलावा श्री राम कथा में अजीत पांडेय सहित बड़ी संख्या में लोगों के सहयोग से इसके कथा का आयोजन चल रहा है। इस अवसर पर कथा में पहुँचे राजेश मिश्रा,पंकज पांडेय, मनोज सहित अन्य गणमान्यों का स्वागत किया।
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