
18 करोड़ रामभक्तों ने जमा की ₹32 सौ करोड़ की समर्पण राशि
अयोध्या धाम (राष्ट्र की परम्परा)। अयोध्या धाम में बन श्रीराम मंदिर का अब तक देश-विदेश के श्रीरामभक्तों के द्वारा दिए गए समर्पण राशि के ब्याज से हुआ है। हालांकि अब कुछ शेष कार्यो के लिए मूलधन से राशि खर्च करने की बात कही जा रही है।
ज्ञात हो कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को राम मंदिर बनाने के लिए लक्ष्य से करीब चार गुना समर्पण निधि मिली थी।
ट्रस्ट सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए वर्ष 2020-21 में समर्पण निधि अभियान शुरू किया था। इसमें करीब 11 करोड़ लोगों से 900 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा गया था। जबकि दुनिया भर के रामभक्तों ने राम मंदिर का सपना पूरा होने की खुशी में दिल खोलकर धन दिया।
करीब 18 करोड़ लोगों ने पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा व भारतीय स्टेट बैंक के खाते में करीब 3,200 करोड़ रुपये समर्पण निधि जमा की है। ट्रस्ट ने इन बैंकों में पैसे की एफडी करा दी है। इससे मिलने वाले ब्याज से ही मंदिर का वर्तमान स्वरूप तक का निर्माण हुआ है। हालांकि फर्श समेत कुछ अन्य कार्यों के लिए अब मूलधन से कुछ राशि निकालनी पड़ेगी। ऐसे में वर्ष 2026-27 तक मंदिर व इसके परिसर में बनने वाले विश्राम गृह, चिकित्सालय, भोजनशाला, गौशाला आदि के निर्माण में बमुश्किल पूरी समर्पण निधि खर्च हो सकेगी।
मिल रही जानकारी के अनुसार ट्रस्ट के पास बैंकों में समर्पण निधि से लेकर खर्च की एक-एक पाई तक का हिसाब है। प्रत्येक स्तर पर लेनदेन पर नजर रखने के साथ सालाना ऑडिट होती है। रामभक्त अभी भी ट्रस्ट के खाते में सहयोग राशि जमा कर रहे हैं। वहीं, रामलला के दर्शन शुरू होने के बाद रोजाना करीब 30 से 40 हजार श्रद्धालु आएंगे। ये मंदिर में जो भेंट चढ़ाएंगे, उससे भी ट्रस्ट के खजाने में रोजाना लाखों रुपये की आय होगी। इसका उपयोग मंदिर की व्यवस्थाओं के साथ ही समाज सेवा से जुड़े अन्य कार्यों पर भी करेगा। इसमें श्रद्धालुओं के ठहरने, आवास और भोजन की व्यवस्था सहित अन्य कई कार्य शामिल है।
More Stories
युवक की गोली लगने से मौत, तीन हिरासत में
शिक्षक नेता के अनुज नन्हे मिश्र का निधन, अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
भूतपूर्व सैनिकों व आश्रितों की समस्याओं के निराकरण हेतु कार्यक्रम