December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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एयरपोर्ट के नाम पर जमीन न देने के संकल्प के साथ मनाई गई पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती

आज़मगढ़ ( राष्ट्र की परमपरा )
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर जमीन न देने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने किसान नेता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती,को किसान दिवस के रूप में मनाते हुए उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किये। किसानों-मजदूरों ने चौधरी चरण सिंह की शपथ लेते हुए कहा कि वह अपने पुरखों की जमीन नहीं देंगे, धरती माता का सौदा नहीं करेंगे। जिगना कर्मनपुर पंचायत भवन पर आयोजित सभा में जमुआ हरिराम, गदनपुर हिच्छनपट्टी, बलदेव मंदूरी,इस कार्यक्रम में हसनपुर, कादीपुर, जमुआ जोलहा, जिगना कर्मनपुर और आस पास के किसान-मजदूर एकत्रित हुए।
वक्ताओं ने कहा कि आज चौधरी चरण सिंह की जरूरत है जो हम किसानों का दर्द समझें. एयरपोर्ट के नाम पर हमारी जमीनें छीनने की कोशिश करने वाली सरकारों को जान लेना चाहिए कि यह देश चौधरी चरण सिंह के सपनों का देश है, चौधरी चरण सिंह कहते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता गावों और खेतों से होकर गुजरता है। और अब भाजपा के कृषि मंत्री कहते हैं कि देश के विकास का रास्ता एयरपोर्ट और हाइवे से होकर गुजरता है, कृषि प्रधान देश में सरकार हर संभव कोशिश रही है कि खेती-किसानी को कारपोरेट के हवाले कर दिया जाए, देश पर कर्ज लगातार बढ़ रहा और मौजूदा सरकार दिखावे में बेहिसाब खर्च कर रही है। किसानों को खत्म करने की साजिश करने वाली सरकारों को जान लेना चाहिए कि किसान के खेत जोतते हल ही देश के विकास का हल हैं। देश कृषि प्रधान है और आज भी सरकार यूरिया चाइना से मंगवा रही है और विकसित भारत यात्रा का ढिढोरा पीट रही है। भारत की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा कृषि कार्यों में लगा हुआ है, किसान जब खेतों में कड़ी मेहनत करके अनाज पैदा करते हैं तभी वह हमारी थाली तक पहुंचता है। अन्नदाता का सम्मान न करके उसकी जमीनें छीनकर सरकार खाद्यान का संकट खड़ा कर रही है।इस दौरान
दिनेश यादव, किसान एकता समिति के महेंद्र यादव, एडवोकेट विनोद यादव, भारतीय किसान यूनियन के अवधराज यादव, भीम सेन राव, अवधेश यादव, अधिवक्ता संदीप उपाध्याय, राजेश पासवान, सुनीता, किस्मती, नीलम, प्रेम चंद, रविन्द्र यादव, अजय यादव, प्रवेश निषाद, अवधू यादव प्रधान, जटाशंकर उपाध्याय, वीरेंद्र यादव, सुशील तिवारी, नंदलाल यादव, रामबूझ यादव, रामचंद्र, सीता, आशीष राजभर, सिंटू यादव आदि उपस्थित रहे।
अध्यक्षता बिंदू यादव ने की. संचालन रवींद्र यादव और शशिकांत उपाध्याय ने किया।