
महराजगंज( राष्ट्र की परम्परा)।पशु अधिकार दिवस के अवसर पर पशु अधिकारों के लिए कार्य करने वाली संस्था पीपल फॉर एनिमल पब्लिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा पशु अधिकारों के संरक्षण व पशु क्रूरता निवारण हेतु कानूनी प्रक्रियाओं के समुचित क्रियान्वयन हेतु पुलिस लाइन सभागार में थानाध्यक्षों तथा पुलिस कर्मियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में संस्था की एनिमल वेलफेयर एसोशिएट्स और एडीएम डॉ पंकज कुमार वर्मा की पत्नी सुरभि त्रिपाठी ने पशुओं के प्रति क्रूरता से बचाव में भारतीय दंड संहिता 1860 , भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1972, पशु क्रूरता निवारण तथा भरण पोषण अधिनियम 2017, सीआरपीसी के विभिन्न प्रावधानों के विषय में विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा पशु क्रूरता निवारण से संबंधित विशिष्ट कानूनों एवं प्रक्रियाओं के पालन करने की जरूरत पर विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया व कार्यवाही और जानवरों के पुनर्वास के विषय में भी बताया।
उन्होंने कहा कि मांस विक्रेता अपनी दुकान का लाइसेंस लेकर उसकी विक्री परदे के अंदर करें। उन्होंने बताया कि कानून ने पशुओं को भी कुछ अधिकार दिये हैं। गर्भवती, बीमार एवं तीन माह से कम उम्र के पशुओं का वध नहीं होना चाहिए। जीवित पशु के सामने किसी पशु का वध नहीं होना चाहिए और ना ही उसके सामने मांस काटकर टंगा होना चाहिए। इससे पशुओं में भय के साथ–साथ उनके अंदर एक अलग तरह का हारमोन एक्टिव होता है जो मनुष्यों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने पशुओं के साथ हो रहे अत्याचार पर ध्यान खींचते हुए इस पर रोक लगाने की अपील की तथा बताया कि पशुओं के प्रति अव्यवहारिक कार्य या उन्हे क्रूरतापूर्ण तरीके से रखना तथा कसाई द्वारा क्रूरता के साथ लाना या ले जाना अथवा उसे बेरहमी से मारकर मांस बेचना संज्ञेय अपराध में आता है।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।
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