सन 62 के संसद संकल्प दिवस विचार गोष्ठी आयोजित
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। सन 1962 में चीन ने भारत पर अकारण और धोखेबाजी से हमला कर के हजारों जवानों को शहीद कर दिया था और हजारों वर्ग मील भूमि कब्जा कर ली थी, जिसको छुड़ाने का संकल्प एकमत से उस वर्ष 14 नवंबर को लिया गया था। उस समय की सरकार भारत की संसद में प्रतिज्ञा की थी कि जब तक चीन से एक एक इंच ज़मीन वापस नहीं ले लेते तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
लेकिन कईं सरकारें आईं गईं, पर यह संकल्प आज तक पूरा नहीं हुआ। जो अब पूरा होना चाहिए। अब वर्तमान सरकार के मुखिया मोदी जी को इसे पूरा करना चाहिए।
उक्त उदगार मंगलवार को भारत तिब्बत समन्वय संघ द्वारा “संसद संकल्प स्मरण दिवस” पर आयोजित विचार गोष्ठी के मुख्यातिथि रामकुमार सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बीटीएसएस ने प्रगट किए।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए महिला विभाग राष्ट्रीय महामंत्री डा. सोनी सिंह ने कहा कि इस प्रतिज्ञा को 60वें स्मरण दिवस के रूप में मनाना साबित करता है कि आज भी हम कितने कमजोर हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि लद्दाख के 40 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की भूमि को उसी समय से चीन ने केवल कब्जा कर लिया बल्कि अब वह अपनी भूमि मान कर उस पर आर्मी के स्थाई अड्डे बना लिए। साथ ही, वहां से खनन कर के बहुमूल्य सामग्री चुराता गया। यह हमारी अमूल्य संपदा की अपूरणीय क्षति है।
अभिषेक सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते कहा कि 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिन के नाम पर बच्चों के लिए बाल दिवस मनाए जाने के बजाय उसे संसद संकल्प स्मरण दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रचलन शुरू हो।
डा. दिवाकर ने कहा कि जो जो राजनीतिक दल देश की चिंता का दम भरते हैं, लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उनसे दो टूक वार्ता की जाए और उनसे कहा जाए कि अगर केंद्र में उनकी सरकार बनती है तो क्या वह चीनी अतिक्रमण से भारत को मुक्त करेंगे? यदि हां, तो वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का हवाला दें।
गोष्ठी को संबोधित कर रहे योगेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत को इजरायल से सीखने की आज भी आवश्यकता है। जैसे वह अपनी भूमि को सुरक्षित कराते हुए आतंकी अड्डों को मुक्त करा रहा है, उसी तरह अक्साई चिन और पीओके को भी खाली कराए। नहीं तो किसी चमत्कार से खुद खाली नहीं होने वाले ये भू भाग।
इस मौके पर डा. सौम्या चौधरी ने भारत तिब्बत समन्वय संघ के इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बताया कि पिछले 2 वर्षों में संघ के कार्यकर्ताओं ने लगभग 250 सांसदों से मिल कर इस संसद संकल्प के पूरा न होने के संदर्भ में ध्यान दिलाया और आग्रह किया कि संसद के अंदर आज की मजबूत भारत सरकार इस पर व्यक्तव्य दे कि उसकी योजना में यह प्रतिज्ञा किस प्राथमिकता पर है। हालांकि इस का भी कोई परिणाम अभी नहीं निकला है। लेकिन संघ अपने प्रयासों को सफलता मिलने तक रुकेगा नहीं।
इस अवसर पर संघ की युवा विंग की राष्ट्रीय महामंत्री अनिता जय सिंह, स्नेहा, उमा शंकर पांडेय जिलाध्यक्ष, राजेश त्रिपाठी जिलाध्यक्ष युवा विभाग सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।
भारत तिब्बत समन्वय संघ के इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को दिल्ली, गोरखपुर, कुशीनगर, लखनऊ समेत अनेक प्रांतों व जिलों में मनाए जाने के समाचार लगातर मिल रहे हैंl
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