
11 दिन बाद पर्यटकों के लिए खुल जाएगा कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग का द्वार
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग अपनी सुन्दरता के लिए जाना जाता है ,जहां पर प्रति वर्ष हजारों की संख्या में सैलानी कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग का दीदार करने पहुंचते हैं।
कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग अपनी जंगल सफारी और बोटिंग और गेरुआ नदी में अटखेलिया ले रही डॉल्फिनों के लिए प्रसिद्ध है, यहां पर जंगली जानवर बाघ, हिरण, तेंदुआ, डॉल्फिन, घड़ियाल और मगरमच्छ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहते हैं।
प्रति वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग पहुंचते हैं पिछले कुछ सालों में पर्यटन शुल्क में काफी बढ़ोतरी की गई थी, इसके साथ-साथ बोटिंग और जंगल सफारी की दरों में भी काफी बढ़ोतरी की गई थी।
जिसको देखते हुए पर्यटकों की संख्या भी कम होने लगी थी, जिसको देखते हुए वन विभाग के द्वारा पर्यटन शुल्क व बोटिंग जंगल सफारी की शुल्क में काफी कमी की गई है इस दौरान उपनिदेशक दुधवा रंगाराजू ने बताया कि पर्यटन शुल्क व जंगल सफारी बोटिंग की शुल्क में कमी होने के कारण अब पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
जिसके चलते कम दरों में ही कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग पहुंचने वाले सैलानी जंगल सफारी और बोटिंग की सुविधा का लुफ्त उठा सकते हैं 15 नवंबर को कतर्निया घाट वन्यजीव प्रभाग सैलानियों के लिए खुल जाएगा। कतर्नियाघाट प्रभाग का चार्ज प्रभारी डीएफओ क़े रूप में दुधवा क़े उप निदेशक रंगाराजू ने ग्रहण किया गुरुवार को नये डीएफओ ने कतर्नियाघाट का दौरा किया व मीडिया बंधुओं से वार्ता की, इस दौरान पूर्व डीएफओ आकाश दीप बधावन, उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान, अभय व सभी रेंज क़े रेंजर मौजूद रहे।