देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) रुद्रपुर थाना अंतर्गत फतेहपुर गांव में हुई हत्याकांड की हकीकत जानने को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी देवरिया का एक प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों परिवारों के संबंध में और घटना के कारण की भी जानकारी लिया ।दोनों परिवारों के मकान पर गए जिसमें सत्य प्रकाश दुबे के परिवार में तो कोई भी व्यक्ति नहीं मिला ।वहां पुलिस प्रशासन का जमावड़ा ही था दुबे जी का घर देखा गया उनका जमीन जायदाद जो सामने था एक तरफ धान की फसल व दूसरी तरफ सागोन के सैकड़ो पेड़ बाग के रूप में थे ।दुबे जी के पास ठीक-ठाक ढंग का घर या उनके दरवाजे तक जाने की अच्छी सड़क भी नहीं थी।जब की प्रेमचंद्र यादव के दरवाजे पर आर सी सी की पक्की सड़क बनी है । जो जिला पंचायत से बनी है चारदीवारी पर जिला पंचायत अध्यक्ष पंडित गिरीश चंद तिवारी का बोर्ड लगा है ।प्रेमचंद यादव के घर पर भी प्रतिमंडल पहुंचकर उनके परिवार के सदस्यों जिनमें उनकी विधवा पत्नी व बच्चे तथा उनके छोटे भाई की पत्नी से मिलकर उनसे वार्ता किया । उनके मकान का गेट बंद था पुलिस प्रशासन हर किसी से मिलने से रोक रही थी सुरक्षा व्यवस्था कारण बता रहे थे । माकपा प्रतिमंडल ने जब मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर से वार्ता की तो उन्होंने गेट के अंदर जाने से मना किया परंतु उनके परिवार को मुख्य गेट पर बुलाकर नेताओं से मुलाकात कराई हालांकि प्रेमचंद के परिवार के सदस्य चाहते थे कि उनके साथ बैठकर वार्ता हो परंतु पुलिस के लोग मना कर दिया । पीड़ित परिवार से गेट पर ही बात हो पाई प्रेमचंद यादव का परिवार भी काफी दहशत व डर के साए में है । इस घर के बच्चियों ने खाने-पीने की भी समस्या बताई बच्चे भी किसी अनहोनी से काफी डरे सहमे है ।दोनों जगहों पर और अगल-बगल में भी प्रशासनिक पुलिस का पूरा छावनी बना हुआ है। प्रतिनिधिमंडल के सामने कुछ मीडिया चैनल के लोग भी वहां मौजूद थे ।जो अपने-अपने तरीके से वार्ता करना चाहते थे । और हत्याकांड पर कुछ अलग तरह के प्रश्न उत्तर चाहते थे । जनपद के अंदर जो इस तरह की सामूहिक हत्या की घटनाएं घटित हो रही हैं या आए दिन कहीं ना कहीं एक दो हत्याये हो रही है । उन सभी का कहीं ना कहीं भूमि से जुड़ा हुआ विवाद है ।जब समय रहते राजस्व विभाग, सरकार की दूसरी जिम्मेदार संस्थाएं तहसील व थाना समाधान दिवस में निस्तारण नहीं कर पाते है और न्यायालयो में भी लंबे समय से मुकदमे लंबित रहते हैं उनका समय से निस्तारण न होने के कारण अंत में लोग प्रताड़ित होकर कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। जो एक स्वच्छ प्रशासन व न्यायपालिका के लिए बड़ी चुनौती है यहां खेत और भूमि से ही जीवन चलता है कुछ लोग किसी भी तरीके के हथकंडे अपनाकर संपत्ति अपने पक्ष में अर्जित करना चाहते हैं ।जो बड़े-बड़े घटनाओं का कारण बनता है उत्तर प्रदेश सरकार की स्वच्छ प्रशासन और शून्य भ्रष्टाचार का वादा बिल्कुल खोखला साबित हो रहा है । सरकार की नाकामी ही इस तरह के घटनाओं का जीमेवार है । इस घटना के लिए जो भी लोग जीमेवार है चाहे वो किसी भी पद पर आसीन हो उनके खिलाफ़ करवाई की जाए । माकपा प्रतिनिधिमंडल प्रशासन से यह मांग करता है कि किसी भी तरह से निर्दोष लोगों को फर्जी मुकदमे न फसाया जाए और उनका उत्पीड़न न किया जाए ।इस हत्याकांड को किसी भी तरह से जाति और धार्मिक और राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए ।अन्यथा घटना के असली दोषी बच सकते हैं।यह घटना इंसानियत के लिए जाघन्य अपराध है सिर्फ दुख संवेदना व्यक्त करना ही इस समस्या का समाधान नहीं बल्कि न्याय के लिए उच्च स्तरीय जांच कर कर दोषी अधिकारियों को भी दंडित किया जाना चाहिए । माकपा प्रतिनिधिमंडल में जिला मंत्री कामरेड जयप्रकाश यादव राज्य कमेटी सदस्य कॉमरेड सतीश कुमार , सचिव मंडल सदस्य कामरेड रामनिवास यादव, और जिला कमेटी के सदस्य कामरेड हरे कृष्णा कुशवाहा वह प्रेमचंद यादव शामिल रहे।
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