जीव के अनन्य भाव से भजने पर आनंद रूप में प्रकट होतें है भगवान – आचार्य विनय - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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जीव के अनन्य भाव से भजने पर आनंद रूप में प्रकट होतें है भगवान – आचार्य विनय

सपही बरवा टोला में रामकथा का चौथा दिन

कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
जीव के अनन्य भाव से भजने पर प्रभु श्री राम अवतरित होकर अनेक लीलाएं करते हुए भक्त को आनंद प्रदान करते हैं।यह बातें तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड़ के सपही बरवा टोला में विगत छह वर्षों से आयोजित होने वाले राधा अष्टमी महोत्सव के निमित्त आयोजित रामकथा के चौथे दिन, रविवार की रात कथावाचक आचार्य विनय पाण्डेय ने कथा सुनाते हुए कही।
कथाक्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होने कहा कि सनातन संस्कृति की रक्षा करने हेतु महामुनि विश्वामित्र जी के आश्रम में रहकर श्रीराम आसुरी आंतक का अंत कर यज्ञ की रक्षा करते हैं। विश्वामित्र का संशय दूर होता है।विश्वामित्र महामुनि के साथ राम लक्ष्मण जनकपुर में धनुष यज्ञ देखने जाते हैं, जनकपुर के नर नारी राम के दर्शन करके धन्य हो रहें। कथावाचक ने कहा कि भगवत कथा, संत दर्शन, सनातनी चर्चा ये सभी पुण्य उदय होने पर ही प्राप्त होता है। प. संजय चौबे व पं. दीपक मिश्र ने वाल्मीकि रामायण का परायण पाठ किया। प्रबंधक तुलानारायण राय व भाजपा के मंडल महामंत्री जितेंद्र गुप्ता ने व्यास पीठ का पूजन किया।इस अवसर पर पं. अच्युतानंद पांडेय, नवीन पांडेय, प्रमोद मिश्र, राजपति कुशवाहा, रवींद्र शर्मा, विद्या, मुन्नालाल, नंदकिशोर गुप्ता, शारदा, अमला, शांति देवी, नन्नी, सोना, पुनीता, निशा, विनीता, भूमि, रोशनी, ज्योति आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।