
बाराबंकी-(राष्ट्र की परम्परा)
जहां एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर गरीब व असहाय व्यक्ति को छत उपलब्ध करा रहे हैं और गरीबों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है, वहीं पर दूसरी ओर देखने को मिल रहा है कि ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा पात्रों को अपात्र बनाया जा रहा है, और हर बार में अलग-अलग रिपोर्टर लगा करके पात्र व्यक्तियों को अपात्र किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जनपद बाराबंकी के विकासखंड सूरतगंज का जहां पर जाकिर पुत्र मुनव्वर निवासी ग्राम पंचायत लोदौरा ग्राम रजनापुर विकासखंड सूरतगंज ने प्रार्थना पत्र द्वारा यह आरोप लगाया है कि, उसका सरकारी आवास 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास के लिए आवेदन किया था, इसके पश्चात प्रार्थी का नाम आवास सूची में सम्मिलित किया गया परंतु ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आवास देने के योग में ₹20000 के डिमांड की गई थी, प्रार्थी बहुत ही गरीब और असहाय व्यक्ति था इसलिए वह मांगी गई धनराशि नहीं दे पाया जिसमें ग्राम पंचायत अधिकारी जयप्रकाश द्वारा फर्जी आधार कार्ड बना करके, आवास लिस्ट से नाम काट दिया गया और वही प्रार्थी ने प्रार्थना पत्र द्वारा अवगत कराया की कई बार जिला मजिस्ट्रेट बाराबंकी को प्रार्थना पत्र दिया कि अभी तक प्रार्थी को आवास नहीं मिल सका है, जिम्मेदार संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा जो धनराशि की डिमांड की गई थी न देने के कारण उसकी हर बार एक नया रिपोर्ट लगा करके आवास लिस्ट में नाम काट दिया गया, जिसने भी आवास में धनराशि दी उसका आवास आवंटित हो गया और जिसने आवास में धनराशि नहीं दी उसका आवास किसी न किसी बहाने से काट दिया गया, आवंटित नहीं हुआ अब देखना यह है कि जाकिर पुत्र मुनव्वर को न्याय मिल पाता है या नहीं या फिर अधिकारी कर्मचारी प्रार्थना पत्र को ठंडे बस्ते में डाल करके कहीं कोने में सड़ने के लिए छोड़ देते हैं यह देखा जाए तो एक तरीके से खुलेआम प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाने के समान लग रहा है फिलहाल फैसला समय की गोद में।
More Stories
प्रेमिका ने शादी से किया इनकार, युवक चढ़ा पानी की टंकी पर, पुलिस ने बचाई जान
डीएम की अध्यक्षता में सम्पूर्ण समाधान दिवस संपन्न, शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर जोर
बिधियानी रोड पर पैचिंग कार्य शुरू, राहगीरों को मिलेगी राहत