July 4, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

राजधानी में नौकरी के नाम पर ठगी का धंधा जोरों पर

जालसाज महिला ने नौकरी दिलाने के नाम पर ऐंठ लिए 50 हजार

जिलाधिकारी ने दिलवाया पैसा

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों को लूटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। लाख सख्ती के बाद भी दलाल लोगों को नौकरी का झांसा देकर मोटी रकम वसूल ले रहे हैं । बेरोजगारों को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी सब कुछ गंवाने के बाद हो रही है। मगर इस मामले में शिकायत करने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही हो रही है।

ऐसा ही एक मामला लखनऊ का है। जहां विमल लता नामक महिला की बेटी शालू एवं योगिता बचपन से घनिष्ठ मित्र थी।योगिता इसकी माँ को बड़ी माँ मानती थी। ये सहेलियां आपस में बहनों की भांति रहती थी, परंतु अति का विश्वास करना योगिता को भारी पड़ गया । शालू की माँ द्वारा योगिता से 5 वर्ष पहले 50 हजार रुपये यह कहकर लिया कि दो माह में योगिता एवं शालू की नौकरी लगवा देगी। उसने यह भी कहा कि यह बात वह उसकी बेटी को ना बताए। क्योकि वह अपनी बेटी को सरप्राइज देना चाहती है ।

,दो माह बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो तो पीड़िता ने पैसे मांगे मगर जालसाज महिला शीघ्र ही नौकरी लगने की बात का कर 3 साल तक टालती रही। उसके बाद दो साल यह कहकर निकाल दिए कि कोरोना की वजह से कोई कार्य अभी हो नहीं रहा । इसके बाद जब योगिता के पिता ने इस महिला को फटकार लगायी और अपना पैसा वापस मांगा तो इस महिला द्वारा तारीख पर तारीख देकर लगातार टरकाया जा रहा था। यह महिला 4-4 माह तक घर से गायब रहती है, बताया जाता है कि हर माह इस महिला का अलग अलग जगह ट्रांसफर होता है।
इसके बाद जब योगिता और उसके पिता इस महिला के घर इसकी बेटी और पति से मिलने पहुंचे तो आश्वासन दिया गया कि सारा पैसा मिल जाएगा। परंतु डेढ़ माह तक कोई पैसा नहीं मिला। शालू एवं इसके पति गंगा प्रसाद द्वारा इस महिला का असली नंबर भी नहीं दिया गया।

अंत मे परेशान होकर योगिता द्वारा लखनऊ पुलिस की सहायता ली गई । जैसे- तैसे थाने द्वारा इस महिला का नंबर खोजा गया और इसको कॉल किया गया तो इसने 33 हजार रूपए दिया । बाकी 17 हजार देने से इंकार दिया। पीड़िता ने इसकी शिकायत लखनऊ जिलाधिकारी से की डीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए पैसा वापस कराया।