November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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श्रावण मास को सभी मासों से सर्वोत्तम माना जाता है

मऊ (राष्ट्र की परम्परा)
श्रावण मास को सभी मासों में सर्वोत्तम मास की संज्ञा दी जाती है। श्रावण मास में देवाधिदेव महादेव पूरे सृष्टि को चलाने की जिम्मेदारी लेकर पृथ्वी पर रहने वाले भक्तो के थोड़े से प्रयास से प्रसन्न होकर जीवन को मंगल मय बनाते हैं।उक्त विचार श्रीहनुमान गढ़ी मंदिर समिति रेलवे क्रॉसिंग मऊ के प्रमुख डा रामगोपाल के हैं।वे श्रावण मास के प्रथम दिन रेलवे क्रॉसिंग स्थित श्रीहनुमान गढ़ी मंदिर पर भक्तों के द्वारा आयोजित सुंदरकांड का संगीतमय पाठ के अनंतर उक्त विचार व्यक्त व्यक्त कर रहे थे । इसी क्रम में सर्वप्रथम हनुमानजी महाराज की महामंत्र का जाप करते हुए गुरु वंदना की गई, और तत्पश्चात सुंदरकांड का पाठ अनुपम पाण्डेय, बब्बन सिंह और विनोद कुमार गुप्ता के संयुक्त सौजन्य से संपन्न किया गया, तत्पश्चात बाबा भोलेनाथ का सुंदर भजन अर्जुन राजभर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें राधा कृष्ण के सुंदर चरित्रों का वर्णन किया गया जिसपर भक्त गण झूमने के लिए मजबूर हो गए। इस अवसर पर भक्तों को संबोधित करते हुए समिति के प्रमुख राम गोपाल गुप्ता ने कहा कि भोजन को लिमिटेड करना चाहिए लेकिन भजन और विशेषकर श्रावण मास में अनलिमिटेड भजन करना चाहिए, उन्होंने कहा कि देवाधिदेव महादेव जी की कृपा से दुनिया के सारे कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं। इस अवसर पर आनंद गुप्ता तथा राघवेंद्र सिंह ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए सालासर वाले हनुमान जी महाराज तथा बालाजी सरकार एवं श्रीराम दरबार की महा आरती उतारी गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से पंकज कुमार, अश्विनी वर्मा, तरुण कुमार, शिवानंद सिंह, कैलाश चंद, स्वामीनाथ गुप्ता, राजेश मद्धेशिया, ओम प्रकाश प्रजापति, सुभाष कनौजिया, अशोक कुमार, मोती लाल विश्वकर्मा, अजय बरनवाल, सुरेश सिंह, हरेंद्र कुमार, पारस नाथ, राम प्रसाद नायक, समेत आदि भक्तगण मौजूद रहे।