
राजापाकड़ कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)08 सितम्बर..
कर्मचारियों के प्रति सरकार की उपेक्षात्मक रवैया के चलते पेंशनविहीन सेवानिवृत्त कर्मचारी बद से भी बदतर जीवनयापन कर रहे हैं।ऐसे कर्मचारियों को जहाँ परिवार एक बोझ समझ रहा है वहीं समाज उन्हें हिकारत की नजरों से देख रहा है।पेंशन से वंचित बहुत से बीमार पड़ने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी पैसे की कमी के चलते समुचित इलाज के अभाव में असमय काल के गाल में समा गये।
विगत 2006 में तत्कालीन मुख्यमन्त्री मुलायम सिंह यादव द्वारा अनुदानित उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से सेवानिवृत्त हुए जलालुद्दीन अंसारी, सुरेश राय, देवता मिश्र,सत्यप्रकाश सिंह,अनिरुद्ध सिंह,रामधनी प्रसाद, रविन्द्र सिंह, अब्दुल जब्बार अंसारी, रामदेव पटेल,मुरलीधर कुशवाहा,अवनीकान्त मिश्रा,दीपनरायन प्रसाद,नथुनी कुशवाहा आदि शिक्षकों ने राजस्थान व झारखंड के विपक्षी सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाली का स्वागत करते हुए योगी सरकार से भी पुरानी पेंशन योजना तत्काल बहाल करने की माँग है। शिक्षकों का कहना है कि यह कितनी हास्यास्पद बात है कि मात्र चार मिनट में शपथ ग्रहण वाले सांसद व विधायक आजीवन पेंशन के हकदार हो जाते हैं वहीं चार दशक तक सेवा करने वाले कर्मचारियों को पेंशन के लिये शांतिपूर्वक अपना हक माँगने पर पुलिस की लाठियाँ खानी पड़ रही हैं।सरकार के इस उपेक्षापूर्ण रवैया से सेवानिवृत्त कर्मचारी घुट- घुटकर असहाय व निरीह अवस्था में एक-एक दिन काट कर रहे हैं।इन सेवानिवृत्त शिक्षकों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों का हक एवं उनके जीवन-यापन का प्राणाधार है इसलिए सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में इसे अतिशीघ्र बहाल किया जाय।
संवादाता कुशीनगर…
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