December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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एनसीसी सर्टिफिकेट भर्ती परीक्षा का आयोजन बीआरडी में

युवाओं में राष्ट्रप्रेम का भाव पैदा करती है एन सी सी ले.कर्नल अमित

एकता और अनुशासन के ध्येय वाक्य से युवाओ को सरावोर करती है एन.सी.सी प्रो.अजय मिश्र .

बरहज/ देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
स्थानीय बाबा राघव दास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय आश्रम मे मंगलवार को एन.सी सी के बी और सी सर्टिफिकेट भर्ती परीक्षा में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी 4 चरणों में भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया। प्रभारी सीओ ले.कर्नल अमित सिंह ,प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर डाँ अजय कुमार मिश्र, एएनओ लेफ्टिनेंट डॉ अमित चतुर्वेदी की देखरेख में भर्ती परीक्षा संपन्न हुई ।आज की भर्ती परीक्षा में बी सर्टिफिकेट हेतु कुल 158 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए जिनमें से माप तौल ,वीम और दौड़ में.64परीक्षार्थियों की छटनी हो गई। इसी तरह सी सर्टिफिकेट के लिए71 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए थे, जिनमें से शारीरिक परीक्षा में32 छात्र-छात्राएं छट गये।इस तरह बी तथा सी सर्टिफिकेट के लिए कुल.133. छात्र-छात्राओं ने लिखित परीक्षा में सहभागिता किया। भर्ती परीक्षा के लिए युवाओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय थाना के एसआई राहुल यादव अपने सहयोगीयों के साथ पूरे दिन मुस्तैद रहे। भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने मेंप्रदीप शुक्ल,डाल अव्दुल हसीव,डाँ सज्जन गुप्त सहित एनसीसी के पूर्व और वर्तमान कैडेटों आकांक्षा दूवे,अंकित उपाध्याय, करन सिंह और सत्यम मिश्र आदि ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।इसके पूर्व कैडेटों को संबोधित करते हुए प्रभारी कमांडिंग ऑफीसर ने कहा कि युवाओं में राष्ट्रप्रेम का जज्बा पैदा करने में एनसीसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रभारी प्राचार्य प्रो. अजय कुमार मिश्र ने कहा की एकता और अनुशासन की सीख देने वाली एनसीसी इस बात की भी सीख देती है कि प्रशिक्षण के दौरान कैडेट्स जितना पसीना बहाएगा युद्धभूमि उतना ही खून बचाएगा ।एएनओ लेफ्टिनेंट डॉ अमित चतुर्वेदी ने कहा कि आज के परिवेश में युवाओं में एनसीसी का क्रेज बढ़ा है। यह भर्ती परीक्षा में उमड़ी भीड़ भी स्पष्ट कर रही हैं। प्रातः 8:00 बजे से ही भर्ती परीक्षा के लिए युवाओं का रेला महाविद्यालय परिसर में उमड़ पड़ा था। प्रभारी प्राचार्य और ए.एन.ओ ने मुख्य गेट बंद करा कर केवल भर्ती परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र छात्राओं को पहले परिसर में प्रवेश की अनुमति दिया। अभिलेखों के परीक्षण के पश्चात माप तौल, वीम और दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।