
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
जिलाधिकारी रमेश रंजन एवं मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी द्वारा मंगलवार को बाढ़ खंड की विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण एवं विकासखंड फाजिलनगर के ग्रामों में विभिन्न विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा सर्वप्रथम घघवा जगदीश स्थित बड़ी गंडक के दाएं स्थित अहिरौली दान पिपरा घाट तटबंध के किलोमीटर 2.40 पर स्थित स्पर के पुनर्स्थापना एवं रिवेंटमेंट निर्माण कार्य परियोजना का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान जिलाधिकारी ने तटबंध पर बाढ़ खंड द्वारा निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लिया, कार्यों के पूर्ण होने की अवधि जानी तथा कार्य को तय समय में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण किए जाने हेतु अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड महेश कुमार को निर्देशित किया।
तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा जवही दयाल स्थित अहिरौली पिपराघाट तटबंध का निरीक्षण किया गया। इस क्रम में उनके द्वारा स्पर की लंबाई और गहराई की माप करवाई गयी, निर्माण कार्यों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के संदर्भ में जिलाधिकारी ने पूछताछ की, लंबित कार्यों के तय समय अवधि में पूर्ण किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा बांक खास स्थित अहिरौली पिपराघाट तटबंध निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। उन्होनें अधिशासी अभियंता बाढ़ खण्ड को निर्देशित करते हुए बताया कि बरसात से पहले सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण करा लिया जाए, जिससे बाढ़ बचाव किया जा सके।
तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा बांक खास स्थित पंचायत भवन में बाढ़ प्रभावित ग्रामों के प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक एवं सामाजिक रूप से सक्रिय लोगों के साथ एक चौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें ग्राम प्रधान व ग्रामीणों से बाढ़ के दृष्टिगत समस्याएं एवं तैयारियों के बाबत जानकारी ली गई। चौपाल में बाढ़ चौकी, राहत शिविर समेत नाव नाविकों की स्थिति की भी समीक्षा हुई। इस क्रम में ग्रामीण व संभ्रांत जनों द्वारा उठायी गयी मुख्य समस्याओं में बंधे पर अतिक्रमण कर किनारे किनारे बने घर, संभावित बाढ़ के दृष्टिगत नाव की संख्या कम होना, लोगो का समय से नदी के उस पार से नहीं लौटना आदि समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं को सुनते हुए ग्राम वासियों की समस्याओं के समाधान हेतु आश्वासन दिया तथा उन्होंने कहा कि बाढ़ के दृष्टिगत किसी भी प्रकार के कृषि या फसल के नुकसान जैसी आपदा में सभी ग्रामवासी साथ रहे, जलजमाव, जल जनित रोग की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं उन समस्याओं पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है । नाव में ओवरलोडिंग की समस्या खत्म हो, लोग समय से कार्य सम्पन्न कर नाव से वापस लौटे। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी को निर्देशित करते हुए कहा कि जब कभी बाढ़ में बिजली की समस्या का सामना करना पड़े तो वैकल्पिक तौर पर सोलर लाइट की व्यवस्था हो।इस्तेमाल सभी सामुदायिक शौचालय फंक्शनल हो, हैंड पम्प की स्थिति फंक्शनल हो। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ बचाव से संबंधित सभी समितियां सक्रिय होकर कार्य करें। इन समितियों की निरंतर बैठक हो और बैठक के माध्यम से सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान कराया जाए। बाढ़ के दृष्टिगत पर्याप्त लाइफ जैकेट और सुरक्षा किट की उपलब्धता हो, मौजूद सभी नावों का भौतिक सत्यापन हो, यदि नाव खराब हो तो उसे ठीक कराया जाए और बाढ़ जैसी आपदा से सभी द्वारा मिलकर निपटा जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी ने चौपाल आयोजित किए जाने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम वासियों से संवाद स्थापित कर समस्याओं को जानना व उसका समाधान कराना है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बाढ़ बचाव हेतु काफी गंभीर है। सी डी ओ ने गांव के हर नागरिक से अनुरोध करते हुए कहा कि किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें, नाव की ओवरलोडिंग ना की जाए अन्यथा नाविक पर ही कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा पंचायत भवन बांक खास में जन सेवा केंद्र द्वारा दी जा रही सुविधाओं का निरीक्षण भी किया गया। उन्होंने पंचायत सहायिका से कंप्यूटर ऑन कर आयुष्मान कार्ड व अन्य सुविधाओं की ऑनलाइन प्रक्रिया को भी जाना तथा पंचायत भवन सभागार का भी निरीक्षण किया गया।
तत्पश्चात जिलाधिकारी नगर पंचायत फाजिलनगर के नवनिर्मित कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे वहां उन्होनें विद्युत कनेक्शन और फर्नीचर की उपलब्धता सुनिश्चित कर कार्यालय भवन को यथाशीघ्र फंक्शनल किए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी का अगला पड़ाव बुद्ध गमन मार्ग सुमही बुजुर्ग पर्यटन स्थल का था। उक्त स्थल पर पहुंचकर उन्होंने निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान कार्य की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए खंड विकास अधिकारी फाजिलनगर (जॉइंट वीडियो) को चार्जशीट देने का निर्देश दिया तथा तकनीकी सहायक की बर्खास्तगी के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने उक्त स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होनें कहा कि इन स्थलों का विकास प्राथमिकता से कराए जाने की जरूरत है, किसी प्रकार की लापरवाही या कोताही पर कार्यवाही की जाएगी। इस क्रम में उनके द्वारा चौरा बदुराव मार्ग से सुमही बुजुर्ग मार्ग के विशेष मरम्मत कार्य का भी निरीक्षण किया गया । यह मार्ग लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जा रहा है।
तत्पश्चात जिलाधिकारी घोड़ाटाप पर्यटन स्थल के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां भी कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं पाए जाने पर जिलाधिकारी द्वारा उपायुक्त मनरेगा राकेश कुमार व खंड विकास अधिकारी (जॉइंट बीडीओ) फाजिलनगर को फटकार लगाई तथा सभी लंबित कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
फिर जिलाधिकारी द्वारा फाजिलनगर में ही कटिया मैनुद्दीन स्थित निर्माणाधीन मिनी स्टेडियम के कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान जिलाधिकारी ने यूपी सी एन डी एल कंपनी को कार्य में तीव्रता लाने, गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य को संपन्न करने, मौके पर कार्य की गुणवत्ता की जांच करने, बिजली कनेक्शन के यथाशीघ्र लगाने आदि के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता बाढ़ खंड, उप जिलाधिकारी तमकुही राज विकास चंद्र, उप जिलाधिकारी कसया रत्निका श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी, खंड विकास अधिकारी फाजिलनगर, खंड विकास अधिकारी तमकुही राज व तमाम संबंधित अधिकारीगण की मौजूदगी रहे।
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