
तीन वर्ष बाद भी नहीं हुआ रपटा पुलिया का काम
आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
सगड़ी तहसील के उत्तरांचल आने वाली बाढ़ से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बाढ़ की विभीषिका को झेल रहे ग्रामीणों को बाढ़ इलाकों में टूटे व संपर्क मार्ग पर बने पुलिया आदि की मरम्मत, निर्माण कार्य न होने से ग्रामीणों को काफी समस्या होगी।
महुला गढ़वाल बांध से मसूरियापुर से गोला घाट घाघरा नदी संपर्क मार्ग पर बने रपटापुल दो वर्ष पहले बाढ़ की धारा में बह गया था। जिससे आवागमन बाधित हो गया, आवागमन बाधित होने से बीमार बचे, बुढ्ढे, स्कूली बच्चे आदि को पांच किलोमीटर घूमकर जाना होता है। ग्राम प्रधान उसे बनवाने के लिए ब्लाक का चक्कर काट रहे हैं।
ग्राम प्रधान हीरालाल यादव , पंचायत अधिकारी चंद्रेश कुमार गौतम, टेक्निकल इंजिनियर अश्विनी मिश्रा आदि लोग इस पुलिया को बनवाने का स्टीमेट बनाकर तैयार है। मनरेगा से यह पुलिया बनवाई जा सकती है। मनरेगा से कच्चा,पक्का काम कराया जा सकता है।विकास खण्ड हरैया के कर्मचारी अधिकारी की लापरवाही के चलते देवारा वासियों को झेलना पड़ेगा दुर्दशा।
गांव के लाल मती, दुर्गावती, स्वाति, कौशल्या ,श्रीराम ,शंकर, दर्शन ,राम आसरे ,अनिल, शिवसागर ,विजय प्रताप ,आदि ग्रामीणों का कहना है, कि अगर काम बाढ़ पूर्व नहीं शुरू होगा तो हम सब धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।2022 में तत्कालीन विकास अधिकारी ,जेई, ब्लाक कर्मचारी ,मौके पर बैठकर स्टीमेट तैयार कराए थे और तभी से ग्राम प्रधान ब्लाक का चक्कर काट रहा है।
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