उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय पर प्रेषित किए जाने की सूचना पर आक्रोशित वकीलों ने सोमवार को न्यायालय पर न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। उसके बाद वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला जज व पुलिस अधीक्षक बलरामपुर से मिलकर उन्हें अपना प्रतिवेदन दिया।
एक दलित लेखपाल ने कोतवाली उतरौला में अधिवक्ता संघ उतरौला के महामंत्री गयासुद्दीन खा व वकीलों के समूह के खिलाफ दिनाक 23 दिसंबर 2022 को अपराध संख्या 342/22 धारा 147/504506/352 भादंसं व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दलित लेखपाल बृजेश कुमार ने दर्ज कराया था। इस घटना पर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने लगभग तीन महीने तक आन्दोलन करके चक्का जाम,क्रमिक अनशन के साथ जेल भरो आंदोलन किया था। उसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम ने लेखपाल बृजेश कुमार का स्थानांतरण राजस्व अभिलेखागार बलरामपुर को कर दिया था। कोतवाली उतरौला पुलिस उक्त घटना की विवेचना कर रही थी। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने एकतरफा जांच करके अधिवक्ता गयासुद्दीन खा, आर के सिह व अन्य के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय पर प्रेषित कर दिया है। पुलिस द्वारा न्यायालय पर वकीलों के खिलाफ भेजे गए आरोप पत्र की जानकारी मिलने पर वकीलों में आक्रोश फैल गया। अधिवक्ता संघ उतरौला की बैठक में किए गए निर्णय पर वकीलों ने सोमवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार करके अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिला जज व पुलिस अधीक्षक से मिलने गया हुआ है। अधिवक्ता संघ उतरौला अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह ने बताया कि जिला जज व पुलिस अधीक्षक से मिलने के बाद आन्दोलन पर निर्णय लिया जाएगा।
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