Saturday, December 27, 2025
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कृष्ण जन्म का मंचन देख भाव विभोर हुए दर्शक

पड़री बाजार में शतचंडी महायज्ञ का तीसरा दिन

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
विकास खंड सलेमपुर क्षेत्र के पड़री बाजार में वैष्णो धाम मंदिर में प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा हेतु चल रहे, शतचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन शनिवार की रात रासलीला में रासलीला मंडली द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। कृष्ण जन्म का भावपूर्ण मंचन देखकर दर्शक भावविभोर हो गये।
देवकी और वासुदेव को कंस ने एक आकाशवाणी के बाद बंदी बना लिया। इस आकाशवाणी के अनुसार वासुदेव और देवकी का आठवां पुत्र ही कंस की मौत का कारण बनेगा,इसलिए कंस ने देवकी और वासुदेव के 7 शिशुओं को जन्म के बाद ही मौत के घाट उतार दिया। जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ तब अपने आप ही कारागार के दरवाजे और देवकी-वासुदेव की बेड़ियां खुल गई, सभी पहरेदार गहरी नींद में चले गए। काले बादलों ने पूरे आसमान को घेर लिया, हवाएं तूफान में बदल गई, आसमान से बिजली धरती की छाती भेदने लगी, और कंस के डर से वासुदेव, देवकी विलाप के बावजूद भी नवजात कृष्ण को एक टोकरी में रख मथुरा से नंदगांव की ओर लेकर चल पड़े। वासुदेव का रास्ता यमुना रोके खड़ी थी, जिसे इस भयवाह बारिश में पार करना लगभग नामुमकिन था लेकिन जैसे ही वासुदेव ने अपना पहला कदम यमुना में रखा मां यमुना ने उन्हे रास्ता देना शुरू कर दिया, शेषनाग छत्र बन प्रभु की रक्षा करने लगा। अब कंधों तक बहते पानी में वासुदेव नवजात कृष्ण को लेकर नंदगांव की तरफ बढ़ने लगते है। नंदगांव पहुंच वे नवजात को तुलसी के पास सो रही अपनी बहन यशोदा के पास छोड़ पुनः मथुरा आ जाते है। वासुदेव के मथुरा पहुंचते ही सब कुछ पुनः सामान्य हो जाता है। उधर कथावाचक प्रियंका द्विवेदी ने कहा कि हर कार्य को भक्ति मानकर करने से भगावान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्ति ही जीवन को सरल और सहज बनाता है। इस दौरान प्रमुख रूप से राकेश कुमार पाण्डेय, विमल चंद्र पाण्डेय, ओमप्रकाश उपाध्याय, संजय कुमार पाण्डेय, नीरज कुमार पाण्डेय, रंजन पाण्डेय, अंकुर पाण्डेय, शिवम यादव, कन्हैया पाण्डेय, केशव पाण्डेय, रत्नेश पाण्डेय, नरेंद्र दूबे आदि मौजूद रहे।

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