Saturday, December 27, 2025
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पराक्रम के कारक और सत्य के धारक हैं भगवान परशुराम

परशुराम जयंती की पूर्व संध्या पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) नगर के ईचौना पश्चिमी वार्ड में भगवान परशुराम जी की जयंती के पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित कर उनकी जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत वेद मंत्रों के बीच उनके चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।इस दौरान सम्बोधित करते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि भगवान परशुराम ने हमेशा अपने बड़ो का सम्मान किया। कभी भी उनके आज्ञा का अवहेलना नही किया। पूरे विश्व से कई बार दुष्ट राजाओं का संहार कर धरती को उनके भार से मुक्त किया। समाज सेवी डॉ धर्मेन्द्र पांडेय ने कहा कि पराक्रम के कारक व सत्य के धारक परशुराम जी ने सत्य सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा की।उनका मानना था कि राजा का धर्म वैदिक जीवन का प्रसार करना है ना कि अपने प्रजा से अपने आज्ञा का पालन करवाना। डॉ निशा तिवारी ने कहा कि उन्होंने देश के अधिकांश भाग केरल ,गोवा,कोंकण, को अपने तीर को चलाकर समुद्र तट को पीछे ढ़केल कर बसाया। वह भार्गव गोत्र के सबसे आज्ञाकारी संतानो मे से एक थे।शिक्षक संजय तिवारी ने कहा कि अहंकारी हैहय वंशी क्षत्रियों का धरती पर से 21 बार समूल नाश किया।उनके आदर्शों पर चलना ही उनकी आराधना है। कार्यक्रम को गणेश मिश्र,प्रवीण पांडेय,सत्यम पांडेय, रमेश मद्देशिया,विकास कुमार,डेविड सैनी,बबलू यादव, राकेश यादव, एस एन मिश्र,कृष्णा कुशवाहा, सोनू यादव आदि ने सम्बोधित किया।

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