सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)lनगर पंचायत सलेमपुर,लार ,मझौली राज, में चुनाव की तिथियों का आयोग द्वारा निर्धारण नही किया गया है।पर प्रत्याशियों की दिल्ल जितने की कोशिश में दिल की विमारी बाटने की पुरज़ोर कोशिश जारी है।सुबह सबेरे से देर शाम तक ध्वनि प्रदूषण फैलाने का कार्य प्रत्याशियों द्वारा विगत कई माह से जारी था जो अब जोर पकड़ लिया है।
दिन भर तमाम नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने अपने हैशियत के दिखावे में की प्रचार गाड़ी पिछले कई महीनों से बड़े बड़े साउंड बॉक्स दूसरे शब्दो में कहे तो कानफाड़ू डीजे लगाकर प्रत्याशियों के गुणगान के गानों के साथ घूम रही है जिस गली जाए प्रत्याशियों के प्रचार गाड़ियों की ही आवाज आ रही है । बीच में जब नगर पंचायत चुनाव का मामला कोर्ट गया तो कुछ प्रत्याशियों का प्रचार थम गया लेकिन इस दौरान भी कुछ प्रत्याशियों का प्रचार चालू रहा ।आलम ये है की सलेमपुर में घुसते ही कानो में अलग अलग प्रत्याशियो के गुण गान करते गाड़ियों पर लगे डीजे की आवाज ही सुनने को मिल रही है ,दिल जीतने के कोशिश में दिल की विमारी नगर वाशियो को बाट रही है। लोग इस प्रचार गाड़ियों से खासे परेशान है ।कई प्रत्याशी ऐसे है जिनकी कई गाड़ियां चल रही है। ये प्रचार पिकअप , ई रिक्शा आदि गाड़ियों से हो रहा है ।चुकी गली में बड़ी गाडियां नही जा सकती है तो ई रिक्शा गलियों में घूम रहा है । दिन भर प्रचार गाड़ियों के आवाज से जनता परेशान है ।
इस विषय पर डॉक्टर से बात करने पर डॉक्टर ने बताया कि एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए 50 डेसीबल तक की ध्वनि सहन करने लायक होती है, लेकिन डीजे की ध्वनि की तीव्रता करीब 500 डेसीबल तक पहुंच जाती है। जिससे तमाम मानव जीवन में तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो निम्न है-
तीव्र ध्वनि की वजह से प्रजनन क्षमता घट जाती है।
डीजे की ज्यादा साउंड मस्तिष्क में तनाव पैदा करती है। इससे चिड़चिड़ापन बढ़ता है।रक्तचाप बढ़ जाता है। खून में शर्करा बढ़ने लगती है।
हृदय की धड़कन तेज हो जाती है।तेज आवाज के कारण कार्य क्षमता घटती है और एकाग्रता नष्ट हो जाता
तेज ध्वनियों से ह्रदय रोग को बढ़ावा के साथ कई रोगों का जनक है।

चुनावों को जीतने की चाह में ध्वनि प्रदूषण पर ध्यान नही देना कई बीमारियों को दावत दिया जा रहा है।चुनाव प्रचार के इस तरीके से मतदाताओं में भी काफी रोष है । नगर पंचायत निवासी विजय कुशवाहा से बात करने पर उन्होंने कहा की इस तरीके का चुनाव प्रचार पहले चलन में नही था विगत कुछ वर्षों से इस तरीके से चुनाव प्रचार हो रहा है जो की गलत है ।प्रत्याशियो को चुनाव प्रचार हेतु खुद जनसंपर्क करना चाहिए और लोगो से वोट मांगना चाहिए इस मुद्दे पर सरकारी तंत्र भी कुछ करने से संकोच कर रहा है ।जो की गलत है किसी भी साउंड के प्रयोग हेतु नियमतः सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य हैl

डॉक्टर गिरिजेश मिश्रा से हुई बातचीत सुनने के लिए टैप करें