
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) ग्राम सभा तिलौली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में श्री धाम वृंदावन से पधारे आचार्य आशीष कृष्णा महाराज ने ध्रुव चरित्र पुरंजन उपाख्यान एवं जड़ भरत चरित्र का गान करते हुए बताया की महाराज जड़ भरत की जीवन में सब कुछ था।लेकिन एक दिन अपने पूर्व पुरुषों के चरित्र को सुनकर सब कुछ छोड़ कर जंगल में जाकर भगवान का भजन करने लग गए। लेकिन वह जंगल में भी जाकर एक मृग मोह में फंसकर अगले जन्म में उन्हें मृग शरीर धारण करना पड़ा। मृग मोह में इसलिए फंस गए क्योंकि उनके जीवन में कोई गुरु नहीं था।और बिना गुरु के गोविंद की प्राप्ति संभव नही है। गुरु स्वरूप कैसा है एक सरोवर की तरह, शिष्य तत्व कैसा है कमल की तरह, सूर्य का स्वरूप राधा माधव की तरह, सूर्य की किरणें राधा माधव के अनुग्रह के समान है, जैसे सूर्य की किरण पड़ती है कमल विकसित हो जाता है पर सूर्य भी कमल को कब उत्फुल करता है। जब वह सरोवर में रहता है।वही कमल यदि सरोवर से हटा दो तो रोज का सूर्योदय भी उसे खिला नहीं सकता पंखुड़ियां खिलाने का भी प्रयास करोगे तोह पंखुड़ियां टूट जाएगी, ऐसे ही वैष्णव रूपी कमल के ऊपर राधा माधव सूर्य का अनुग्रह भी तभी बरसता है जब तक वह गुरु कृपा आश्रय रूपी सरोवर में रहता है। गुरुदेव भगवान पर विश्वास होना चाहिए क्योंकि जितनी शक्ति विश्वास में होती है उतना ही अंधविश्वास में भी, फर्क यही है दोनों में विश्वास मार्गदर्शक बनाता है और अंधविश्वास पथ भ्रष्ट करता है। भारी संख्या में लोग उपस्थित होकर कथा रस सुधा का आस्वादन कर के आनंद प्राप्त कर रहे हैं।इस दौरान मुख्य यजमान रामनारायण श्रीवास्तव,सीताराम लाल सिन्हा,राजेश,संदीप,अमित,रमन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
More Stories
संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत
साइको अपराधी गिरफ्तार
घघरा नदी के किनारे बाढ़ क्षेत्र का दौरा करते उप जिला अधिकारी सिकंदरपुर एवं नायब तहसीलदार