
एक भी एक भी दिन नहीं चली टंकी, ग्रामीण का सपना हुआ धराशाई
जैतीपुर/शाहजहांपुर(राष्ट्र की परम्परा)l प्रशासनिक उदासीनता एवं सरकारी धन का दुरुपयोग किस तरह किया गया है, यह नजारा आपको ब्लॉक मुख्यालय पर देखने को मिलेगा। यहां पर सात वर्ष पूर्व ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने को, लाखों रुपयों की लागत से लगाई गई सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकी, खुद पानी के लिए तरस गई है।सात वर्षो में ग्रामीणों, राहगीरों को एक भी बार टंकी से पानी पीने को नसीब नहीं हुआ है।ठेकेदार द्वारा खानापूर्ति कर आनन-फानन में टंकी तैयार कर, इतिश्री कर ली गई।
कई बार ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से टंकी सही कराने की मांग की, लेकिन नतीजा सिफर रहा।अब हाल यह है कि यह टंकी कुछ ही वर्षों में पूरी तरह बदहाल हो गई है। राहगीरों व ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए थाने के पास, बैंक के पास, पुराने अस्पताल की गली में, आदि जगहो पर लगाई गई पानी की टोटियां पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। टोटियों का नामोनिशान तक मिट गया है।लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
बता दें कि इस समय सरकार द्वारा ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पानी की टंकी का निर्माण कराया जा रहा है।लेकिन कस्बे में पानी की टंकी होते हुए भी, ग्रामीण स्वच्छ पेयजल के लिए तरस रहे हैं। कस्बे में जब टंकी लगने की शुरुआत हुई,तब ग्रामीणों में काफी उत्साह था कि उन्हें स्वच्छ पेयजल पीने को नसीब होगा।लेकिन टंकी बनकर तैयार होते ही, उनका यह सपना धराशाई हो गया।अब यह टंकी सिर्फ सफेद हाथी बन कर रह गई है।लोग आते हैं टंकी देखते हैं,और चले जाते हैं। पानी की टंकी सड़क किनारे ब्लॉक मुख्यालय के पास बनी होने से हर समय ब्लॉक पर आने-जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की नजर पड़ती है।लेकिन जिम्मेदार जानबूझकर मूकदर्शक बने हुए हैं। कस्बे के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शीघ्र ही कस्बे में लगी पानी की टंकी को ठीक कराए जाने की मांग की है।
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