
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)l जनपद के मिहींपुरवा कर्तनिया वन्यजीव प्रभाग अंर्तगत ककरहा वन्यक्षेत्र के महबूबनगर गाँव में ग्रामीण खेतों में काम कर रहे थे कि तभी पास लगे गन्ने के खेत के समीप अचानक कई कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनाई पड़ी। कुत्तों की आवाज पर जब ग्रामीण गन्ने के खेत के समीप पहुंचे तो देखा कि कुत्ते के झुंड ने नील गाय के बच्चे को चारों ओर से घेर रखा है और उसे बुरी तरह से नोच रहे हैं। नील गाय का बछड़ा कुत्तों के नोचे जाने पर दर्द से चिल्ला रहा था। ग्रामीणों ने नीलगाय के बछड़े को कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया एंव इसकी सूचना वन रेंज ककरहा को दी। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय वनाधिकारी ककरहा रामकुमार, वनदरोगा आलोक मणि तिवारी, फारेस्ट गार्ड संतोष कुमार, वाचर जगजीवन, वाचर माधव ल एंव चालक सांवली प्रसाद के साथ मौके मौके पर पहुंचे। कुत्तों के नोचे जाने से नीलगाय बुरी तरह घायल थी तथा उसकी हालत काफी नाजुक थी।
वन कर्मी तत्काल घायल नीलगाय को अपने वाहन पर लाद पशु चिकित्सालय मोतीपुर पहुंचे।जहां चिकित्सकों ने तत्काल नीलगाय का उपचार किया एवं उसके घांवो को टांको से सिल रक्तस्राव को बंद किया। वनकर्मियों की सक्रियता से ही बुरी तरह घायल अवस्था में पड़ी नील गाय की जान बच सकी।
क्षेत्रीय वनाधिकारी ककरहा रामकुमार ने बताया कि नील गाय का उपचार कराया गया है। नीलगाय अभी ज़ख्मी अवस्था में है इसलिये देखभाल हेतु इसे रेंज कार्यालय ककरहा में रखा गया है स्वस्थ होने के बाद इसे वापस छोड़ दिया जायेगा।
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