
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)l जनपद के पयागपुर विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा खजुरी के विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर प्रांगण में देशराज सिंह मधुसूदन के संयोजन, अभिमन्यु त्रिपाठी की अध्यक्षता और राम किशोर तिवारी के संचालन में कवि सम्मेलन संपन्न हुआl जिसकी शुरुआत कवयित्री संध्या तिवारी ने मां सरस्वती वंदना से की व दूरदराज से आए हुए कवियों ने अपने कविता पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया।
बहराइच के कवि मधुसुदन की पंक्ति जो देते थे नसीहत हमको मयखाने ना जाने की आजकल उनके हाथों में छलकता जाम होता है।
कानपुर की सृंगार कवित्री अंकिता शुक्ल की पंक्ति ,रात भर उनकी याद आती रही एक नश्तर सा दिल में चुभाती रही। हास्य कवि मधुप श्रीवास्तव नर कंकाल की पंक्ति ,जो था कर्जदार वो नोड्यूज निकला, हार्ड वर्कर था जो बहुत लूज निकला, जिसे समझ कर ब्याह लाया चंद्रमुखी जब घूंघट उठाया तो एक बल्ब फ्यूज निकला। हास्य कवि प्रदीप महाजन की पंक्ति प्रभु को कोई मेवे या सूखा भोग लगाता है, स्वर्ग उसे मिल जाएगा जो मां के पैर दबाता है, कोई फर्क नहीं पड़ता है पैर दबाना मत भूलो,चाहे अपनी माता की हो या फिर बच्चों की माता हो वही वीर रस के कवि ने सबके रोंगटे खड़े कर देने वाला काव्य पाठ पढ़ा जिसकी पंक्ति *मां भारती के शीश को कटने नहीं देंगे,सम्मान अपनी भूमि का घटने नहीं देंगे सौगंध खाओ आज मेरे प्यारे दोस्तों, मजहब के नाम देश को बांटने नहीं देंगे।
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