जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने आयोजित की स्मृति गोष्ठी व पत्रकार सम्मान समारोह
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
जर्नलिस्ट एसोसिएशन गोरखपुर के तत्वावधान में स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव की स्मृति में विचार गोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन एक स्थानीय होटल में गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकारों, साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों एवं स्वर्गीय दिनेश के परिजनों ने पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त की।
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर चितरंजन मिश्र ने कहा कि स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव सहज भाव से दुर्गम पथ के राही थे। शब्दों की दुनिया में पत्रकारों के अकेलेपन को समझते हुए उन्होंने लगभग चार दशक पूर्व संगठन की आवश्यकता को पहचाना और गोरखपुर पत्रकार परिषद की स्थापना की। यह उनकी दूरदर्शी सोच और संगठनात्मक क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि दिनेश जी का पत्रकार समाज के प्रति जवाबदेह था और उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार स्पष्ट रूप से दिखाई देते थे।
प्रो. मिश्र ने आगे कहा कि स्वर्गीय दिनेश तीखे व्यंग्य के माध्यम से भी अपनी बात प्रभावी ढंग से कह जाते थे, लेकिन उनके व्यंग्य में कभी किसी को आहत करने या नीचा दिखाने की भावना नहीं होती थी। वे शब्दों की दुनिया के सच्चे साधक थे और पत्रकारिता, एडवोकेसी तथा साहित्य सृजन के अद्भुत समन्वयकर्ता के रूप में जाने जाते थे।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. एसपी त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव पत्रकारों के लिए संघर्ष का पर्याय थे। उन्होंने कभी अपनी लेखनी से समझौता नहीं किया और सत्य तथा जनहित के मुद्दों पर संपादकों से टकराव मोल लेने से भी पीछे नहीं हटे। उनका मानना था कि जब तक पत्रकार एकजुट होकर एक मंच पर नहीं आएंगे, तब तक उनकी मजबूती और अधिकारों की लड़ाई प्रभावी ढंग से नहीं लड़ी जा सकती। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि दिनेश की असमय मृत्यु से गोरखपुर ने एक सजग पत्रकार और सक्षम संगठनकर्ता को खो दिया।
कार्यक्रम में गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव के जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दिनेश श्रीवास्तव ने पत्रकारों को संगठित करने के साथ-साथ उन्हें आत्मसम्मान और निर्भीकता के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर स्वर्गीय दिनेश के छोटे भाई अरुण कुमार श्रीवास्तव, उनके पुत्र मनीष एवं आशीष को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव की स्मृति में गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार जमीर अहमद पयाम, सुशील वर्मा और सुजीत पांडे को ‘दिनेश चंद्र श्रीवास्तव स्मृति लेखनी सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
सम्मान प्राप्त पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए स्वर्गीय दिनेश के व्यक्तित्व को याद किया। सुजीत पांडे ने कहा कि दिनेश चंद श्रीवास्तव का व्यक्तित्व और कृतित्व विराट था, वे सदैव देने के पक्षधर थे। सुशील वर्मा ने कहा कि स्वर्गीय दिनेश चंद संघर्ष करना जानते थे और पत्रकारों को जोड़ने की अद्भुत क्षमता रखते थे। उनके मन में सभी पत्रकारों को एक साझा मंच पर लाने की प्रबल इच्छा थी। वहीं जमीर अहमद पयाम ने कहा कि दिनेश जी पत्रकारों के सुख-दुख के सच्चे साथी थे और निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल थे।
समारोह का संचालन कर रहे मृत्युंजय नवल को भी उनके उत्कृष्ट संचालन के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव गणेश ने सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं उपस्थित पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।
इस अवसर पर अरुण सिंह, हरीश पांडे, अमन, बशीर, राधेश्याम प्रजापति, शेखर, दिनेश यादव, बेचू बी.ए., अरकान, आकाश सिंह, रविशंकर पाठक, दयाराम सोनकर, यू.पी. पांडे, शशि भूषण ओझा, प्रवीण कुमार, जगदीश लाल श्रीवास्तव, कामिल खान, मुर्तजा, विश्व मोहन तिवारी, रितेश मिश्रा, भूपेंद्र द्विवेदी, पंकज श्रीवास्तव, कुंदन उपाध्याय, मनोज यादव, ओमकार द्विवेदी, अंकज, प्रिंस पांडेय, विनय सिंह, हेमंत तिवारी, मुनव्वर रिजवी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।
