देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी के नाम औद्योगिक भूखंड के आवंटन और उसकी बाद में की गई बिक्री से जुड़े कथित फर्जीवाड़े की एसआईटी जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। जांच के दायरे में अब उद्योग विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी आ गई है, जिन पर नियमों के उल्लंघन और मिलीभगत के आरोप हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जिला उद्योग बंधु की बैठक के दौरान नियमों को ताक पर रखकर जिस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया, उसमें शामिल अधिकारियों पर एसआईटी सख्त कार्रवाई कर सकती है। मामले के विवेचक सोबरन सिंह ने न्यायालय को अवगत कराया है कि अभी कई अन्य आरोपियों के नाम सामने आना बाकी हैं, इसी कारण 24 घंटे के भीतर विवेचना पूरी नहीं हो सकी।
जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इस कथित घोटाले में उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, दलाल और पूर्व आवंटी शामिल हैं। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर नियमों को दरकिनार करते हुए औद्योगिक भूखंडों के आवंटन और उनकी बिक्री का खेल खेला।
सूत्र बताते हैं कि पिछले करीब दो दशकों में औद्योगिक क्षेत्र में दर्जनों भूखंडों की खरीद-बिक्री करोड़ों रुपये में हुई, जबकि विभागीय अभिलेखों में बेहद कम राशि दर्शाई गई। नियमों के अनुसार, यदि कोई आवंटी तय समय में उद्योग स्थापित नहीं करता है तो उसे भूखंड विभाग को वापस करना होता है। इसके बाद भूखंड का पुनः आवंटन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना चाहिए, लेकिन आरोप है कि दलालों और अधिकारियों की सांठगांठ से इस पूरी प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया गया।
फिलहाल एसआईटी पूरे प्रकरण की गहन जांच में जुटी हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होंगे और कई जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
