प्रभु श्रीराम का परम प्रिय सेवक जानकर माता जानकी ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया- विनय मिश्र
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
राम कथा के दूसरे दिन ग्राम बालू छापर में भगवत कथा का रसपान कराते हुए पंडित विनय मिश्र ने कहा, कि पुत्र पर अगर माता-पिता दोनों का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए तो पुत्र जीवन पर्यंत सुखी रहेगा। रामचरितमानस के सुंदरकांड के प्रसंगों का चर्चा करते हुए, कहा कि प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद हनुमान को प्राप्त था, साथ ही माता जानकी ने हनुमान को आशीर्वाद दिया। गोस्वामी तुलसी दास कहते हैं, आशीष दिन राम प्रिय जाना, होहु तात बल शील निधाना, अजर अमर गुण निधि सुत होहु, करहूं बहुत रघुनायक छोहू, आगे उन्होंने कहा कि माता जानकी के आशीर्वाद से हनुमान जी ने संपूर्ण लंका को जला कर राख कर दिया, और लंका जलाने के बाद बड़ी विनम्रता के साथ माता जानकी के समक्ष उपस्थित हुए, और माता जानकी से कहा, मां जिस तरह से प्रभु श्रीराम ने मुझे मुद्रिका दे कर के आपके पास भेजा था, वैसे ही आप भी कुछ निशानी दे,जिसपर माता जानकी ने अपने लाडले पुत्र हनुमान को अपनी चूड़ामणि उतार कर दीया और अपने पुत्र हनुमान से कहा कि, अगर प्रभु एक माह के अंदर नहीं आए तो मैं अपना प्राण त्याग दूंगी, हनुमान जी ने माता जानकी को आश्वस्त करते हुए कहा, मां चिंता करने की कोई बात नहीं प्रभु अवश्य आएंगे और रावण का वध कर आपको लंका से वापस ले जाएंगे। यह माता पिता के आशीर्वाद का फल है,कि आज हनुमान जी का चर्चा चारो युगों में चलती रहती है। चारों युग परताप तुम्हारा, है प्रसिद्ध जगत उजियारा। कथा के दौरान सत्य प्रकाश पाण्डेय, अनमोल मिश्र, अवधेश पाल सहित गाँव के श्रद्धालु भक्तजन काफी संख्या में उपस्थित रहे।
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