Covid Vaccine Black Box Warning: अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) जल्द ही कोविड वैक्सीन पर अपनी सबसे गंभीर चेतावनी ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग लगाने पर विचार कर सकती है। यह चेतावनी दवाइयों के पैकेज पर मोटे काले बॉर्डर में सबसे ऊपर लिखी जाती है और इसका मतलब होता है कि उस दवा में गंभीर या जानलेवा जोखिम हो सकता है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, FDA के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा ऐसे समय में तेज हुई है जब अमेरिका में एक बार फिर कोविड वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर राजनीतिक और नीतिगत बहस शुरू हो गई है। हालांकि कई बाहरी मेडिकल एक्सपर्ट का मानना है कि मौजूदा वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर कोविड वैक्सीन पर ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग लगाने की कोई ठोस जरूरत नहीं दिखती।
ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग क्या होती है?
ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग FDA की सबसे सख्त चेतावनी मानी जाती है। यह तभी लगाई जाती है जब किसी दवा से
• मौत का खतरा
• दिल या दिमाग को गंभीर नुकसान
• स्ट्रोक
• स्थायी विकलांगता जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स का जोखिम पाया जाए
उदाहरण के तौर पर, ओपिओइड दवाओं पर लत और ओवरडोज से मौत की चेतावनी दी जाती है, वहीं कुछ दवाओं पर गर्भवती महिलाओं में जन्म दोष का खतरा लिखा होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, FDA के अंदर डॉ. विनय प्रसाद इस चेतावनी को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जो पहले भी वैक्सीन नीति और सुरक्षा पर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि यह प्रक्रिया अभी अंतिम चरण में नहीं है और इसमें बदलाव संभव है।
वैक्सीन कंपनियों का क्या कहना है?
मॉडर्ना और फाइजर दोनों कंपनियों ने साफ कहा है कि उनकी कोविड वैक्सीन की सुरक्षा करोड़ों डोज़ के वैश्विक डेटा से साबित हो चुकी है। कंपनियों के अनुसार, बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कोई नया गंभीर खतरा सामने नहीं आया है।
वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक, कोविड वैक्सीन ने पहले ही साल में दुनियाभर में करीब 2 करोड़ लोगों की जान बचाई। वहीं CDC की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 9 महीने से 17 साल तक के बच्चों में वैक्सीन से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा काफी कम हुआ है।
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मायोकार्डाइटिस को लेकर क्या है स्थिति?
वैक्सीन के शुरुआती दौर में कुछ युवाओं में मायोकार्डाइटिस (दिल की सूजन) के दुर्लभ मामले सामने आए थे। CDC के अनुसार, ज्यादातर मरीज पूरी तरह ठीक हो गए और अब इस साइड इफेक्ट की दर पहले की तुलना में काफी कम हो चुकी है।
FDA के भीतर क्यों चल रही है चर्चा?
FDA के कुछ अधिकारी मानते हैं कि वैक्सीन के लेबल पर दिल से जुड़े दुर्लभ लेकिन गंभीर जोखिमों को और स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। इसी कारण ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग की संभावना पर चर्चा शुरू हुई है।
हालांकि, कई पूर्व FDA कमिश्नरों ने इस कदम पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि बिना ठोस और नए वैज्ञानिक सबूतों के ऐसी चेतावनी लगाना लोगों में डर फैला सकता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
एक्सपर्ट की राय
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. एरन केसेलहाइम के मुताबिक, आमतौर पर FDA किसी दवा या वैक्सीन की सुरक्षा पर सवाल उठने पर पहले सार्वजनिक जांच और सलाहकार समिति की बैठक करता है। इसमें स्वतंत्र विशेषज्ञ डेटा की समीक्षा कर एजेंसी को सुझाव देते हैं। ऐसे बड़े फैसले आमतौर पर पारदर्शी प्रक्रिया के बाद ही लिए जाते हैं।
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आगे क्या?
फिलहाल FDA इस मुद्दे पर आंतरिक समीक्षा कर रहा है। अगर कोविड वैक्सीन पर ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग लगती है, तो इसका वैश्विक स्तर पर बड़ा संदेश जाएगा कि इस दवा के उपयोग में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। इसे मेडिकल सलाह न मानें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
