Monday, December 22, 2025
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बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मियों का आर-पार का ऐलान

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 के खिलाफ आज दिल्ली में बनेगी संयुक्त आंदोलन की रणनीति

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिजली क्षेत्र के निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इस मुद्दे पर नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) की एक अहम बैठक आज, 14 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित की जा रही है। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियनों के केंद्रीय पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

इस बैठक में देशभर में संयुक्त संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी और आगे होने वाले आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। बिजली कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण से न केवल कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे, बल्कि किसानों और आम उपभोक्ताओं पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा।

राष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी की इस बैठक में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन (AITUC), इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (CITU), इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन (INTUC) और ऑल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन (AIUTUC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री भाग लेंगे।

बिल को लेकर कड़ी आपत्ति

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियनों की इस बात पर सहमति बन चुकी है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 पूरे बिजली क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह बिल किसानों और आम बिजली उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदायक साबित होगा।

उन्होंने कहा कि इसी कारण इस बिल और बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन बेहद जरूरी हो गया है। दिल्ली बैठक के बाद देशभर में चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जा सकता है।

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