देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत गठित पीएसपी (पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफॉर्म) जिले में स्वास्थ्य जागरूकता की मजबूत कड़ी बनकर उभर रहा है। अब पीएसपी के सदस्य केवल फाइलेरिया नियंत्रण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले टीका उत्सव में भी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना है।
टीका उत्सव के दौरान पीएसपी सदस्य घर-घर जाकर बच्चों के अभिभावकों को बुलावा पर्ची देकर टीकाकरण सत्र तक लाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, बच्चों को 12 घातक बीमारियों से बचाने वाले नियमित टीकों की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार और सही पोषण के बारे में भी परामर्श दिया जा रहा है, जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार गुप्ता के अनुसार, जिले के पथरदेवा, भटनी और भलुअनी ब्लॉक के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर पीएसपी का गठन किया गया है। इसमें सीएचओ, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम प्रधान, वालंटियर, कोटेदार और फाइलेरिया से प्रभावित मरीजों को शामिल किया गया है। इनके संयुक्त प्रयास से वीएचएसएनडी (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) सत्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है।
पीएसपी सदस्य ग्रामीणों को यह भी समझा रहे हैं कि फाइलेरिया एक गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली बीमारी है। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलने वाली इस बीमारी के लक्षण कई वर्षों बाद सामने आते हैं, जिनमें हाथ-पैर या अंडकोष में सूजन शामिल है। समय पर पहचान और साल में एक बार लगातार पांच वर्षों तक दवा सेवन से इस बीमारी से बचाव संभव है।
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