बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। सरयू नदी पर पीपा पुल देवरिया न लगाए जाने से नाराज दियरावासी ग्रामीणों ने प्रशासन को खुली चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर पुल नहीं लगाया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। लंबे समय से पीपा पुल समय पर न लगने से ग्रामीणों को आवागमन, व्यापार और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार, हर वर्ष 15 नवंबर तक पीपा पुल देवरिया लग जाता था, जिससे हजारों लोगों की दैनिक आवाजाही सुगमता से होती थी। लेकिन इस बार लोक निर्माण विभाग की “निष्क्रियता” के कारण न तो पुल लगाया गया और न ही वैकल्पिक व्यवस्था सुदृढ़ की गई।
विशुनपुर देवार ग्राम प्रधान ओमप्रकाश यादव ने बताया कि पुल न लगने से दूध व्यवसायियों को प्रतिदिन भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मरीजों को देर रात आपात स्थिति में अस्पताल ले जाना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि दियरावासी सिर्फ समय पर मिलने वाली मूलभूत सुविधा की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीण छोटेलाल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की ओर से दो नावें चलाई जाती हैं, लेकिन सूर्यास्त होते ही नाव सेवा बंद कर दी जाती है, जिससे रात्रि के समय ग्रामीण तट पर फंसे रह जाते हैं और कड़ाके की ठंड में आग या आस-पास की झोपड़ियों का सहारा लेना पड़ता है।
दूध व्यवसायी रमाशंकर यादव ने बताया कि “हम प्रतिदिन दूध लेकर बाजार जाते हैं। यही हमारी आय का साधन है। रात में मरीज पड़ जाने पर सुबह तक इंतजार करना पड़ता है। यदि पीपा पुल देवरिया समय से लग जाए तो यह संकट खत्म हो जाएगा।”
ग्रामीण नंदलाल ने कहा कि बरसात के दिनों में नाव और भी जोखिमभरी हो जाती है। इसलिए पुल का समय पर लगना अत्यंत जरूरी है। सभी ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों में पीपा पुल नहीं लगाया गया तो वे शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करेंगे।
