लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद अब पूरी तरह हाई-टेक मॉडल की ओर बढ़ रहा है। सदन की कार्यवाही को पारदर्शी, आधुनिक और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से परिषद भवन में 110 वीडियो यूनिट, इंटरैक्टिव डिस्प्ले, डिजिटल रिकॉर्ड रिपॉजिटरी और ऑटोमेटिक सेशन मैनेजमेंट सिस्टम लगाए जाएंगे। इस तकनीकी अपग्रेड के बाद यूपी देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां विधान मंडल का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल, सुरक्षित और रियल-टाइम एक्सेस में उपलब्ध होगा।
हर गतिविधि होगी रिकॉर्ड, सेकंडों में मिलेगा वीडियो
परियोजना के तहत सदन में मल्टी-कैमरा सिस्टम, डेटा कन्वर्जन मशीन और एनोटेशन सर्वर स्थापित किया जाएगा।
एनोटेशन सर्वर की मदद से सवाल, बहस, बयान जैसे विषयों के आधार पर वीडियो ऑटो-टैग होंगे। इससे कोई भी वीडियो कुछ ही सेकंड में खोजा जा सकेगा। यह बदलाव सदन की कार्यप्रणाली को तेज, बेहतर और पारदर्शी बनाएगा।
विधानसभा के बाद विधान परिषद की बड़ी डिजिटल छलांग
इससे पहले विधानसभा में अध्यक्ष सतीश महाना की पहल पर इसी तरह का डिजिटल मॉडल लागू करने का निर्णय लिया गया था। अब विधान परिषद भी उसी दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रही है।
नए सिस्टम से परिषद की दशकों पुरानी वीडियो रिकॉर्डिंग भी ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। क्लाउड आधारित रिपॉजिटरी से डेटा खोने का खतरा समाप्त होगा और
विधायी शोध, मीडिया उपयोग, पिछले संदर्भ खोजने में बड़ी सुविधा मिलेगी।
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निविदा की शर्तें भी तय
परिषद ने प्रोजेक्ट के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें निर्धारित की हैं—
• परिषद भवन में डेल्टा कंपनी का इंटरैक्टिव डिस्प्ले लगाना अनिवार्य।
• सप्लायर को 110 वीडियो यूनिट, एनोटेशन सिस्टम और डिजिटल रिपॉजिटरी एक साथ आपूर्ति करनी होगी।
• सभी उपकरणों की इंस्टॉलेशन और टेस्टिंग परिषद भवन में करनी होगी।
• सप्लायर का लखनऊ में कार्यालय और सर्विस सेंटर होना आवश्यक।
• निविदा में वही कंपनियां शामिल होंगी जिन्हें पिछले 3 साल में कम से कम 4.5 करोड़ रुपये की समान श्रेणी की आपूर्ति का अनुभव हो।
इन नए बदलावों से यूपी विधान परिषद तकनीकी रूप से देश का सबसे अग्रणी सदन बनने जा रहा है।
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