सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। परसिया चंदौर (भागलपुर) एवं सोनाड़ी (भलुअनी) स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर राष्ट्रीय समानता दल ने गंभीर चिंता जताई है। प्रदेश अध्यक्ष संजयदीप कुशवाहा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवरिया के माध्यम से सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि दोनों सीएचसी हजारों ग्रामीणों के लिए प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन वर्तमान में आपातकालीन सेवा, विशेषज्ञ डॉक्टरों, डायग्नोस्टिक सुविधाओं और रैबीज उपचार जैसे महत्वपूर्ण प्रबंधों का अभाव बना हुआ है। इससे क्षेत्र की आम जनता को समय पर उपचार न मिल पाने की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
प्रमुख मांगें
24×7 आपातकालीन सेवा शुरू हो:
आपात स्थितियों—दुर्घटना, प्रसव, हृदय रोग आदि—के दौरान तुरंत इलाज न मिलने से कई बार गंभीर स्थिति बन जाती है। इसलिए दोनों सीएचसी में चौबीसों घंटे आपातकालीन सेवाएँ शुरू करने की मांग उठाई गई।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती:
चिकित्सा विशेषज्ञ, जनरल सर्जन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, नेत्र विशेषज्ञ तथा लैब तकनीशियन की नियुक्ति की मांग की गई, जिससे मरीजों को जिला मुख्यालय या निजी अस्पतालों पर निर्भर न रहना पड़े।
डायग्नोस्टिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएं:
एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी और पैथोलॉजी लैब जैसी सुविधाएँ उपलब्ध न होने से ग्रामीणों को निजी केंद्रों पर महंगा इलाज कराना पड़ता है। प्रतिनिधिमंडल ने इन सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
रैबीज उपचार की स्थायी व्यवस्था:
क्षेत्र में कुत्ता, सियार और बंदर के काटने की घटनाएँ बढ़ने के बाद भी दोनों सीएचसी में ARV और RIG का अभाव है। इसे जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर बताया गया और स्थायी आपूर्ति की मांग की गई।
सीएचसी परिसर की स्वच्छता व सौंदर्यीकरण:
भवनों की रंगाई-पुताई, सफाई और मरम्मत कार्य तत्काल कराए जाने का अनुरोध भी किया गया।
ज्ञापन में सुरेन्द्र बौद्ध, विमलेश कुमार, अभय कुमार, महिना बहुअन, गनेश प्रसाद, सुनिता देवी, रिंकू देवी, आकाश कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों व पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने आशा व्यक्त की है कि जनहित से जुड़े इन मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई करते हुए क्षेत्र की जनता को सुलभ और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
