महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। मुख्यमंत्री के प्रस्तावित आगमन से ठीक पहले जिला प्रशासन अचानक सक्रिय हो उठा है। शिकारपुर चौराहे पर बुधवार को बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया गया। कूड़ा हटाया गया, सड़क के किनारे जमा गंदगी साफ कराई गई और कर्मचारियों की ड्यूटी रजिस्टर पर बाकायदा सफाई रोस्टर भी चस्पा कर दिया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने लंबे समय से चौराहा गंदगी और अव्यवस्था से जूझ रहा था, लेकिन किसी अधिकारी की नजर पड़ ही नहीं रही थी। हर दिन बढ़ती भीड़, धूल और कूड़े के बीच लोग परेशानी झेलते रहे, मगर प्रशासनिक अमले की कुर्सी सुरक्षा ने जमीनी कामकाज को पीछे धकेल दिया।अब जबकि मुख्यमंत्री का दौरा तय हुआ है, अचानक से सफाई अभियान तेज कर दिया गया है। कर्मचारी सुबह से शाम तक चौराहे को चमकाने में जुटे हैं। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या जिले की व्यवस्था सिर्फ वीआईपी मूवमेंट के लिए ही सुधरती है? आम दिनों में सफाई व्यवस्था क्यों लचर रहती है?
जनता का तर्क है कि अगर रोजाना इसी तरह सफाई होती रहे तो क्षेत्र पूरी तरह स्वच्छ और व्यवस्थित दिख सकता है। लेकिन हकीकत यह है कि प्रशासनिक अधिकारी अक्सर बैठक और औपचारिकताओं में व्यस्त रहते हैं, वहीं मैदानी अमला अपनी जिम्मेदारियों से बचता दिखता है।फिलहाल, सीएम दौरे की भनक ने शिकारपुर चौराहे के हालात तो दुरुस्त कर दिए, पर यह सवाल अभी भी बरकरार है—क्या यह चमक स्थायी होगी या सीएम के हेलिकॉप्टर के उठते ही हालात फिर पहले जैसे हो जाएंगे?
सीएम के आगमन से जागा प्रशासन: शिकारपुर चौराहा चमका, लेकिन सवाल—अब तक सो क्यों रहा था अमला
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