महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जनपद के शिकारपुर, नारायनपुर,
भिटौली, परतावल, धरमपुर, पुरैना सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में खाद और बीज की मनमानी बिक्री ने किसानों की कमर तोड़ दी है। निजी दुकानों पर निर्धारित-दरों से कहीं अधिक कीमत वसूली जा रही है, जिससे आर्थिक रूप से परेशान किसान खुलकर अपनी बात कहने से भी कतरा रहे हैं। महंगाई, दोहरी मार और खेती लागत बढ़ने के बीच यह मनमानी बिक्री सीधे-सीधे किसान हित पर चोट कर रही है।
स्थानीय किसानों का कहना है कि जैसे- जैसे रबी सीजन नजदीक आ रहा है, खाद और बीज की मांग बढ़ी है। इसी मांग का फायदा उठाकर कई दुकानदार मनमानी दरें तय कर रहे है।शिकायतों के बावजूद न तो कोई कार्रवाई हो रही है और न ही प्रशासनिक टीम की तरफ से निरीक्षण। इससे बिचौलियों और मनमाने विक्रेताओं के हौसले और मजबूत हो रहे हैं।
बताया जाता है कि खाद की एक बोरी पर 50 से 150 रुपये तक अतिरिक्त वसूली की जा रही है। वहीं कुछ प्राइवेट दुकानों पर बीज के दाम सरकारी निर्धारित मूल्य से काफी ऊपर बताए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब भी प्रशासन या कृषि विभाग से शिकायत की जाती है, जवाब मिलता है कि जांच की जाएगी, लेकिन जमीन पर कार्रवाई होती कहीं दिखाई नहीं देती।
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही इस काला-बाजारी पर रोक नहीं लगाई तो आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी।उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उन्हें लूटने वालों पर कड़ी कार्रवाई होना आवश्यक है।
इस पूरे प्रकरण पर प्रशासन की चुप्पी अब बड़ा सवाल बन चुकी है—क्या जिम्मेंदार विभाग हालात बिगड़ने का इंतजार कर रहा है या फिर मनमानी पर नियंत्रण की मंशा ही नहीं है?किसानों ने मांग की है कि तत्काल छापेमारी अभियान चलाकर खाद–बीज विक्रेताओं की रेट-लिस्ट और स्टॉक की जांच की जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके और बाजार में पारदर्शिता लौट सके।
खाद–बीज की काला-बाजारी से किसान ठगे जा रहे, प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
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