बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को जिला स्वास्थ्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मातृ मृत्यु दर में कमी, आयुष्मान कार्ड निर्माण में तेजी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रसव किसी भी स्थिति में निजी संस्थानों में न कराए जाएं। उन्होंने आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एनआरएलएम टीम को यह निर्देश दिया कि सभी प्रसव सरकारी अस्पतालों में ही सुनिश्चित कराए जाएं। डीएम ने सभी एमओआईसी (चिकित्सा अधीक्षक) को फील्ड स्तर पर कड़ी निगरानी रखने और निजी संस्थानों में डिलीवरी कराने वाली आशा व अन्य कार्यकर्ताओं की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मातृ मृत्यु दर को गंभीर विषय बताते हुए डीएम ने कहा कि इसे हर हाल में कम करना जिले की प्राथमिकता है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को गांव-गांव जाकर सक्रिय भूमिका निभानी होगी। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 275 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर सीएचओ व एएनएम की तैनाती है, लेकिन कई केंद्रों पर इनके अनुपस्थित रहने की शिकायतें मिल रही हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए और सभी एमओआईसी को नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आयुष्मान कार्ड निर्माण की धीमी प्रगति पर भी डीएम ने चिंता जताई। उन्होंने बताया कि जिले को 16 लाख कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला है, जिसके सापेक्ष अभी तक मात्र 9 लाख 60 हजार कार्ड ही बनाए जा सके हैं। शेष लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही मुरलीछपरा के एमओआईसी को निर्देशित किया गया कि आशा और एएनएम के माध्यम से आभा आईडी निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। संचारी रोगों की रोकथाम के लिए विशेष टीमें गठित कर प्रभावी अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए। बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सारथी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित
रहे
