महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जिले के प्रमुख चौराहों जैसे परतावल,शिकारपुर, घुघली टैक्सी स्टैंड की अवैध वसूली खुलेआम चल रही है। नियत स्थल छोड़कर सड़क के बीचों-बीच खड़ी की जा रही टैक्सियों ने न सिर्फ यातायात व्यवस्था चौपट कर दी है, बल्कि आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं का खतरा भी कई गुना बढ़ा दिया है। प्रशासन की चुप्पी और स्थानीय स्तर पर संरक्षण की चर्चा ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यातायात पुलिस केवल स्कूलों में अपने नियमों का पालन बताते हैं, लेकिन अपने ही पालन करने में सिफर हो जाते हैं। यातायात पुलिस की मौजूदगी के बावजूद चौराहों पर टैक्सियों का मनमाना खड़ा होना, वसूलीकर्ताओं की दबंगई और नियमों का खुलेआम उल्लंघन आम बात हो गई है।
बताया जा रहा है कि प्रति टैक्सी 20 से 50 रुपये तक की वसूली की जा रही है, जो किसी भी सरकारी रसीद पर आधारित नहीं है।ड्राइवरों का कहना है कि वसूली देने के बिना उन्हें चौराहों पर खड़े होने तक नहीं दिया जाता। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों का कहना है कि टैक्सी स्टैंड की यह अव्यवस्था परतावल, शिकारपुर घुघली चौराहों को दुर्घटनाओं का हॉटस्पॉट बना रही है। कई बार स्कूली बच्चों और बाइक सवारों को इन टैक्सियों के कारण अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है,जिससे हादसे के हालात बनते हैं। दुकानदारों ने बताया कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई का नतीजा शून्य है।
एक टैक्सी चालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया —भाई साहब, मनमानी वसूली हर दिन देनी पड़ती है। नहीं देंगे तो गाड़ी हटवा देंगे या डराएंगे। मजबूरी है, रोज़गार का सवाल है।
प्रशासन की ढिलाई पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अवैध वसूली करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? नियत टैक्सी स्टैंड खाली पड़े हैं, लेकिन चौराहे जाम और जोखिम से भर चुके हैं। इस व्यवस्था में आम जनता परेशान है और दुर्घटनाओं में वृद्धि होना अब आम बात हो चुकी है।सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अवैध वसूली पर तुरंत रोक लगाई जाए,नियत टैक्सी स्टैंड पर ही वाहनों की पार्किंग अनिवार्य कराई जाए,और चौराहों पर सीसीटीवी निगरानी बढ़ाई जाए,ताकि कानून का पालन हो और दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके।
जनता का सवाल सीधा है–जेब भरने वालों पर कार्रवाई नहीं होगी, तो सड़क सुरक्षा कैसे सुधरेगी?
