सलेमपुर, देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। मां भगवती की महिमा अपरंपार है, उनके इच्छा से ही सृष्टि की उत्पत्ति ,पालन और संहार होता है। उक्त बातें क्षेत्र के अहिरौली में आयोजित पंच दिवसीय भागवत पुराण कथा का श्रद्धालुओं को रसपान कराते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा। उन्होंने कहा कि देवी महाशक्ति ही एकमात्र परम् सत्ता हैं। इस कथा के श्रवण करने से सांसारिक और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होता है। यह पुराण ज्ञान,धर्म ,अर्थ,काम और मोक्ष को प्राप्त कराने वाला है।राजा परीक्षित की आत्मा की मुक्ति के लिए उनके पुत्र जन्मेजय ने वेदव्यास जी से श्रीमद देवी भागवत कथा पुराण कथा श्रवण किया था,क्योंकि राजा परीक्षित को तक्षक नाग ने डस लिया था।उनकी अकाल मृत्यु हुई थी।कथा श्रवण के पश्चात उनकी आत्मा को मुक्ति प्रदान हुआ था। मानव का सद्कर्म ही उसे सदगति का मार्ग प्रशस्त करता है। धर्म वही है जिसके आचरण से किसी भी जीव को कष्ट नहीं हो। कलयुग में गलत मार्ग पर चलकर व्यक्ति जल्दी सुख व वैभव प्राप्त कर सकता है लेकिन यह क्षणिक ही होता है उसके बाद जीवन का अंत बड़ा कष्टमय व्यतीत होता है। कथा के दौरान गोरख गुप्ता, पिंकी देवी,प्रतीक मिश्र, गुड्डू बाबा,चंद्रभूषण तिवारी, चंदन तिवारी, विमला देवी, प्रतिभा देवी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सांसारिक और आध्यात्मिक ज्ञान की कथा है देवी भागवत पुराण कथा – आचार्य अजय शुक्ल
RELATED ARTICLES
