महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। विकासखंड घुघली अंतर्गत धरमपुर चौराहा स्थित होम्योपैथिक चिकित्सा केंद्र इन दिनों दूर-दराज के मरीजों के लिए नई उम्मीद का केंद्र बन गया है।
वर्षों पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीज अब राहत महसूस कर रहे हैं, और इसके पीछे नाम है- डॉ. श्याम मोहन श्रीवास्तव, जो होम्योपैथी के माध्यम से लगातार लोगों के जीवन में सुधार ला रहे हैं।
डॉ.श्रीवास्तव की पहचान एक समर्पित और अनुभवी चिकित्सक के रूप में है, जो बिना किसी दुष्प्रभाव वाले इलाज द्वारा मरीजों को लंबे समय से चली आ रही समस्याओं से मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। चाहे पुराना जोड़ों का दर्द हो, माइग्रेन, त्वचा संबंधी रोग, एलर्जी,गैस्ट्रिक समस्याएं,हार्मोनल असंतुलन या अस्थमा जैसी पुरानी परेशानियां, उनके उपचार केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मरीजों का कहना है कि होम्योपैथी की गहरी जड़ पर असरदार दवाएं धीरे-धीरे शरीर की प्राकृतिक शक्ति को मजबूत कर रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखती हैं। इसी विश्वास के आधार पर लोग पारंपरिक तरीकों की तुलना में होम्योपैथी को सुरक्षित और प्रभावी विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
डॉ.श्याम मोहन का मानना है कि—बीमारी का इलाज लक्षणों से नहीं, उसकी जड़ से करना जरूरी है। होम्योपैथी का मूल उद्देश्य शरीर को प्राकृतिक संतुलन में लाकर परमानेंट राहत देना है।धरमपुर चौराहा स्थित उनका क्लिनिक न सिर्फ चिकित्सा सेवा का केंद्र है, बल्कि मरीजों के लिए भरोसे और संवेदना का स्थान भी बन चुका है। ग्रामीण अंचल में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा भी की जा रही है।स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते लोगों के बीच होम्योपैथी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, और इस दिशा में डॉ. श्रीवास्तव द्वारा किया जा रहा कार्य स्थानीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर ऊचा करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
पुरानी बीमारियों का रामबाण इलाज: होम्योपैथी से नई उम्मीद जगा रहे हैं डॉ. श्याम मोहन श्रीवास्तव
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