नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। कांग्रेस ने मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग पर एक बार फिर बड़े आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि वोट चोरी के बढ़ते आरोपों के बीच एसआईआर प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग का रवैया “बेहद निराशाजनक” रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आयोग को तुरंत यह साबित करना चाहिए कि वह भाजपा की छाया में काम नहीं कर रहा है।
खरगे मंगलवार को उन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, जहां एसआईआर प्रक्रिया चल रही है। बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक मौजूद रहे।
मतदाता सूची की अखंडता पर कांग्रेस का जोर
बैठक के बाद खरगे ने कहा कि कांग्रेस मतदाता सूचियों की अखंडता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर जनता का भरोसा पहले से कमजोर है, ऐसे में आयोग का आचरण और भी चिंताजनक है।
खरगे ने कहा, “चुनाव आयोग को याद रखना होगा कि उसकी निष्ठा भारत की जनता और संविधान के प्रति है, किसी राजनीतिक दल के प्रति नहीं।”
राहुल गांधी बोले—बूथ स्तर पर संगठन मजबूत किए बिना वोट चोरी नहीं रुकेगी
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस तभी वोट चोरी को रोक सकती है जब उसका बूथ स्तर पर संगठन मजबूत होगा। उन्होंने जोर दिया कि बूथ एजेंटों को बीएलओ की तरह घर-घर जाकर अपने समर्थकों के नाम सूची में दर्ज करवाने होंगे।
राहुल ने प्रशिक्षण और सतर्कता पर विशेष फोकस देने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि “बिहार चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले हैं, चुनाव शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था।”
बिहार में 43 नेताओं को नोटिस जारी
इधर, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर कांग्रेस ने 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इनमें प्रमुख नाम— पूर्व मंत्री वीणा शाही, कांग्रेस नेता मधुरेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व महासचिव कैसर खान, पूर्व विधायक सुधीर कुमार,
और विधान परिषद के पूर्व सदस्य अजय कुमार सिंह शामिल हैं।
