Thursday, November 20, 2025
HomeUncategorizedपशुओं को ठंड से बचाने का उपाय करें पशुपालक-निशिकांत तिवारी

पशुओं को ठंड से बचाने का उपाय करें पशुपालक-निशिकांत तिवारी

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
जनपद के विकास खंड बैतालपुर के पशुधन प्रसार अधिकारी निशाकान्त तिवारी ने अस्थाई निराश्रित गौआश्रय स्थल बलटिकरा का निरीक्षण कर पशुओं को ठंड से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था एवं उपाय करने का निर्देश दिया। इसके बाद पशुपालकों को विशेष जानकारी दिया कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उचित आवास प्रबंधन, संतुलित आहार और विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। पशुओं को शाम को सर्दी बढ़ने से पहले बाड़े/पशुशाला के अंदर कर दें और सुबह धूप निकलने के बाद ही बाहर निकाले। पशुशाला के दरवाजे और खिड़कियों को जूट के बोरों, टाट या तिरपाल से अच्छी तरह बंद कर दें, ताकि ठंडी हवा अंदर न आए ।फर्श पर पुआल, सूखा घास, या रबड़ की चटाई बिछाएं, ताकि पशु ठंडी जमीन से बचे रहें और शरीर की गर्मी बनी रहे। बाड़े को गर्म रखने के लिए लकड़ी या कोयले का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन छत के नीचे उचित रोशनदान रखें ताकि धुआं बाहर निकल सके। पशुशाला का निर्माण पूर्व से पश्चिम दिशा में होना चाहिए ताकि दिन के समय धूप अंदर आ सके। ठंड से लड़ने के लिए पशुओं को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। उन्हें संतुलित और पौष्टिक आहार दें जिसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा शामिल हो। हरे चारे के साथ-साथ सरसों या बिनौला खली, चोकर, दाल चूरी, खनिज लवण और नमक मिलाकर दें। गुड़ और अजवाइन देना भी फायदेमंद होता है। पशुओं को ताज़ा और गुनगुना पानी पिलाएँ। ठंडा पानी उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन पर बुरा असर डाल सकता है। छोटे बछड़ों और कमजोर पशुओं को जूट के बोरे या गर्म कपड़े से ढक कर रखें। पशुओं के व्यवहार और खाने-पीने की आदतों में बदलाव पर ध्यान दें। यदि वे बीमार लगते हैं, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।सर्दियों में पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। पेट के कीड़ों (डीवर्मिंग) की दवा पशु चिकित्सक की सलाह पर दें। पशुशाला को सूखा और साफ रखें ताकि बीमारियाँ न फैलें। इन उपायों को अपनाकर आप अपने पशुओं को ठंड से बचा सकते हैं और उन्हें स्वस्थ रख सकते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments