IPL 2026: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज केएल राहुल ने पहली बार खुलकर बताया है कि इंडियन प्रीमियर लीग में कप्तानी करना कितना मुश्किल होता है। पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी कर चुके राहुल ने एक इंटरव्यू में कहा कि IPL में कप्तानी का दबाव इंटरनेशनल क्रिकेट से कई गुना ज्यादा होता है।
IPL में कप्तानी सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं: राहुल का बयान
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे से बातचीत के दौरान राहुल ने बताया कि IPL कप्तान का रोल ग्राउंड पर फैसले लेने से कहीं आगे जाता है।
कप्तान को—
- टीम मैनेजमेंट से लगातार मीटिंग्स
- डेटा एनालिटिक्स की ब्रीफिंग
- नेट सेशन की निगरानी
- मैच से पहले और बाद की रणनीतिक बैठकों
और इन सबकी रिपोर्ट टीम मालिकों को देने तक
—सब कुछ संभालना पड़ता है।
राहुल ने स्वीकार किया कि इतनी जिम्मेदारियों के बीच कई बार उन्हें लगता था कि उनका स्वयं का खेल पीछे छूट रहा है।
“IPL खत्म होते-होते इंटरनेशनल क्रिकेट से ज्यादा थकान होती है”
केएल राहुल ने माना कि IPL का मानसिक दबाव इतना अधिक होता है कि टूर्नामेंट समाप्त होते-होते वह पूरे इंटरनेशनल सीजन से ज्यादा थकान महसूस करते थे।
लगातार प्लानिंग, टीम बैलेंस बनाना, खिलाड़ियों की फॉर्म को मैनेज करना—ये सभी चीजें कप्तानी को बेहद चुनौतीपूर्ण बना देती हैं।
टीम मालिकों के अजीब सवाल बढ़ा देते थे तनाव
राहुल ने टीम मालिकों से जुड़े एक बड़े सच का खुलासा किया।
उनके मुताबिक कई टीम मालिकों को क्रिकेट की गहरी समझ नहीं होती, लेकिन वे ऐसे सवाल पूछते हैं जो कप्तान और कोच पर अतिरिक्त दबाव डाल देते हैं, जैसे—
“वह खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में क्यों है?”
“विरोधी टीम ने 200 कैसे बना दिए और हम 120 क्यों नहीं बना पाए?”
“उनके स्पिनर हमसे बेहतर गेंदबाजी क्यों कर गए?”
राहुल के अनुसार ये ‘अनजान सवाल’ कप्तानी की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक थे।
कप्तानी छोड़ने के बाद KL राहुल ने पाई मानसिक राहत
2022 से 2024 तक लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान रहने के बाद राहुल ने 2025 में कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। अब वे दिल्ली कैपिटल्स के लिए एक नियमित खिलाड़ी के रूप में खेल रहे हैं।
राहुल का कहना है कि कप्तानी छोड़ने के बाद अब वे अपने खेल पर ज्यादा फोकस कर पा रहे हैं और मानसिक रूप से भी काफी हल्के महसूस करते हैं।
