बिज़नेस (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारत में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) ने नया रिकॉर्ड बनाया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर सिर्फ 0.25% रही — जो वर्तमान श्रृंखला (आधार वर्ष 2012) की अब तक की सबसे कम दर है।
सितंबर 2025 में खुदरा महंगाई 1.44% थी, जबकि अक्तूबर 2024 में यह 6.21% पर थी। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी दरों में कटौती के कारण खाने-पीने की वस्तुओं, सब्जियों, फलों और रोजमर्रा के सामान की कीमतों में भारी गिरावट आई, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली।
खाद्य महंगाई शून्य से नीचे पहुंची
एनएसओ के अनुसार, अक्तूबर में खाद्य महंगाई (-)5.02% पर रही, जबकि सितंबर में यह (-)2.33% और पिछले वर्ष अक्तूबर में 10.87% थी। सब्जियों, अनाज, फलों और अंडों की कीमतों में कमी ने कुल मुद्रास्फीति को नीचे खींचा।
ग्रामीण और शहरी इलाकों में राहत
ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 1.07% से घटकर (-)0.25% हो गई, जबकि शहरी इलाकों में यह 0.88% रही। दोनों ही इलाकों में लोगों को उपभोग वस्तुओं की कीमतों में राहत मिली।
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राज्यों में महंगाई दर
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी-बिहार समेत पांच राज्यों में महंगाई दर सबसे कम रही —
बिहार: (-1.97%)
उत्तर प्रदेश: (-1.71%)
मध्य प्रदेश: (-1.62%)
असम: (-1.50%)
ओडिशा: (-1.39%)
वहीं केरल में महंगाई दर सबसे अधिक 8.56% दर्ज की गई।
दिसंबर में रेपो दर घटने की संभावना
इक्रा (ICRA) की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खाद्य कीमतों में नरमी और जीएसटी कटौती के असर से आरबीआई (RBI) दिसंबर में रेपो दर में 0.25% की कटौती पर विचार कर सकता है। उनका कहना है कि अगर दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि बहुत अधिक नहीं रही, तो यह कदम और पुख्ता होगा।
ईंधन-बिजली कीमतें स्थिर
ईंधन और बिजली की महंगाई दर 1.98% पर स्थिर रही, जिससे कुल मुद्रास्फीति में कोई बड़ा असर नहीं पड़ा।
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